धनबाद जज हत्याः CBI जांच पर भड़का झारखंड हाईकोर्ट, कहा- पिंड छुड़ाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है, जांच एजेंसी की थ्योरी को किया खारिज

By अनिल शर्मा | Updated: January 22, 2022 09:08 IST2022-01-22T08:59:04+5:302022-01-22T09:08:16+5:30

धनबाद जज की मौत मामले में सीबीआई जांच पर पीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच से सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह इस मामले से अब थक गई है।

dhanbad judge murder case jharkhand high court raged over cbi investigation says a new story is being created to get rid of the body | धनबाद जज हत्याः CBI जांच पर भड़का झारखंड हाईकोर्ट, कहा- पिंड छुड़ाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है, जांच एजेंसी की थ्योरी को किया खारिज

धनबाद जज हत्याः CBI जांच पर भड़का झारखंड हाईकोर्ट, कहा- पिंड छुड़ाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है, जांच एजेंसी की थ्योरी को किया खारिज

Highlightsझारखंड हाईकोर्ट ने कहा, मामले में जांच सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाता हैतल्ख टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि सीबीआई अपना पिंड छुड़ाना चाहती है मामले में अगली सुनवाई चार फरवरी को होगी

रांचीः झारखंड उच्च न्यायालय ने धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या मामले की जांच में ढिलाई के लिए शुक्रवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सीबीआई अब इस मामले से अपना पिंड छुड़ाना चाहती है और वह आरोपियों को बचा रही है।

मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन तथा न्यायमूर्ति एस एन प्रसाद की पीठ ने न्यायाधीश उत्तम आनंद हत्याकांड मामले की सुनवाई करते हुए मामले में दो आरोपियों के ‘नार्को टेस्ट’ की रिपोर्ट पर भी गौर किया। अदालत ने मोबाइल लूटने के लिए न्यायाधीश की हत्या किए जाने की सीबीआई की ‘थ्योरी’ को पूरी तरह खारिज कर दिया।

पीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘इस पूरे मामले की जांच से सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह इस मामले से अब थक गई है और मामले से अपना पिंड छुड़ाने के लिए नयी कहानी गढ़ रही है।’’ अदालत ने कहा कि सीबीआई की जांच ऐसी दिशा में जा रही है जिससे ऐसा लगता है कि वह स्वयं आरोपियों को बचा रही है। मामले में अगली सुनवाई चार फरवरी को होगी। 

अदालत ने इससे पहले कहा था कि इससे जुड़ा सीसीटीवी फुटेज देखने से कहीं भी ऐसा नहीं लगता है कि ऑटोचालक ने सिर्फ मोबाइल फोन छीनने के लक्ष्य से अपने सहयोगी के साथ मिलकर न्यायाधीश की हत्या कर दी और यदि ऐसा था तो उन्होंने फोन क्यों नहीं लूटा? इसपर सीबीआई के जांच अधिकारी ने कहा कि ऑटो से न्यायाधीश को धक्का मारने के दौरान दोनों ओर से बाइकें आ रही थीं इसीलिए ऑटोचालक ने पकड़े जाने के डर से फोन नहीं लूटा। पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह इस मामले में ऑटो चालक तथा उसके सहयोगी की नार्को, ब्रेन मैपिंग परीक्षण की दोनों रिपोर्टें सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करे। मामले की अगली सुनवाई अब 21 जनवरी को होनी है।

Web Title: dhanbad judge murder case jharkhand high court raged over cbi investigation says a new story is being created to get rid of the body

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