विध्वंसक युद्धपोत 'इंफाल' साल के अंत तक नौसेना में शामिल होगा, जानिए ताकत और खासियत
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 2, 2023 04:37 PM2023-05-02T16:37:07+5:302023-05-02T16:39:16+5:30
भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15B के तहत तैयार किया गया युद्धपोत इंफाल रडार से बचने में सक्षम है और कई धातक मिसाइलों से लैस है। इस युद्धपोत पर खतरनाक बराक मिसाइलें तैनात होंगी। साथ ही ध्रुव और सी-किंग जैसे हेलिकॉप्टर भी होंगे। समंदर में 33 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाला यह युद्धपोत लगातार 45 दिन तक समुद्र में तैनात रह सकता है।
नई दिल्ली: चीन से हिंद महासागर में मिल रही चुनौती से निपटने के लिए भारतीय नौसेना लगाकार अपने बेड़े में नए युद्धपोत शामल कर रही है। इसी क्रम में भारत का तीसरा स्वदेशी विध्वंसक युद्धपोत इंफाल परीक्षण के लिए पहली बार समुद्री में रवाना किया जा चुका है। भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15B के तहत तैयार किया गया युद्धपोत इंफाल रडार से बचने में सक्षम है और कई धातक मिसाइलों से लैस है। इस युद्धपोत को साल 2023 के अंत तक नौसेना में शामिल करने की योजना है।
क्या है खासियत
स्वदेशी विध्वंसक युद्धपोत इंफाल का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा किया गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा और सबसे एडवांस विध्वंसक युद्धपोत होगा जिसका नामकरण पूर्वोत्तर भारत के एक शहर के नाम पर किया गया है। समंदर में 33 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाला यह युद्धपोत लगातार 45 दिन तक समुद्र में तैनात रह सकता है। युद्धपोत पर 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं।
इस युद्धपोत पर खतरनाक बराक मिसाइलें तैनात होंगी। साथ ही ध्रुव और सी-किंग जैसे हेलिकॉप्टर भी होंगे। स्वदेशी विध्वंसक युद्धपोत इंफाल पर एक साथ 32 बराक मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइलें और एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी तैनात किए जा सकते हैं। सके अलावा एक 76 mm की OTO मेराला तोप, 4 AK-603 CIWS गन लगी है। युद्धपोत इंफाल पर तैनात की जाने वाली बराक मिसाइलों की रेंज 100 किलोमीटर से ज्यादा होगी।
स्वदेशी विध्वंसक युद्धपोत इंफाल स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का आसानी से पता कर सकते हैं। साथ ही युद्धपोत इंफाल बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम्स से लैस है। टल डैमेज कंट्रोल सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जिससे युद्ध के दौरान अगर जहाज के किसी हिस्से में नुकसान होता है तो पूरा युद्धपोत काम करना बंद नहीं करता। यानी कि दुश्मन का निशाना बनने के बावजूद भी युद्धपोत इंफाल काम करता रहेगा।
युद्धपोत इंफाल से पहले दिसंबर 2022 में INS मोरमुगाओ तथा जनवरी 2023 में INS वागीर भारतीय नौसेना में शामिल हो चुके हैं। अब इंफाल का परीक्षण भी शुरू हो गया है और इसके शामिल होने से नौसेना की ताकस में कई गुना इजाफा होगा।