JK: स्मार्ट मीटर लगने के बावजूद भी 24 घंटे बिजली देने का प्रशासन का दावा हुआ ठुस्स, जानें किस कारण लाइट कट रहेगी जारी
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 9, 2022 15:47 IST2022-04-09T15:44:44+5:302022-04-09T15:47:49+5:30
इस मामले में बोलते हुए फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू के चेयरमैन ललित महाजन ने कहा कि कई औद्योगिक क्षेत्रों में सुबह 6 से 9, शाम 5 से 8 आदि के बीच तीन घंटे की बिजली कटौती शुरू की गई है।

JK: स्मार्ट मीटर लगने के बावजूद भी 24 घंटे बिजली देने का प्रशासन का दावा हुआ ठुस्स, जानें किस कारण लाइट कट रहेगी जारी
जम्मू: प्रदेश प्रशासन जम्मू कश्मीर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने के अपने वायदे से पीछे हटती नजर आ रहा है। अप्रैल में मांग और आपूर्ति में करीब 200 मैगावाट का अंतर है और प्रशासन ऊंची दर पर बिजली खरीदने को राजी नहीं है। नतीजतन प्रदेश में बिजली कट लगाने की अघोषित घोषणा विभाग कर चुका है। हालांकि स्मार्ट मीटर लगा 24 घंटों बिजली देने के अपने वायदे पर वह कुछ नहीं बोल रहा है। अप्रैल में यह हाल है तो गर्मी के अगले महीनों में क्या होगा, खुदा ही जानता है।
पिछले साल से कुल ट्रांसमिशन क्षमता बढ़ी है
इतना जरूर था कि बिजली के मोर्चे पर सुधारों का दावा करते हुए उसने बड़े बड़े विज्ञापन भी दिए हैं जिनके मुताबिक, जम्मू कश्मीर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के सपने को साकार करने के लिए वर्ष 2022 में लगभग 1900 एमवीए ट्रांसमिशन क्षमता में वृद्धि की गई है। इन दावों के अनुसार, पिछले साल बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण क्षेत्रों में उपलब्धियों ने जम्मू कश्मीर के बिजली के बुनियादी ढांचे को बदल दिया है। 31 मार्च 2021 को कुल ट्रांसमिशन क्षमता 9153 एमवीए थी। एक साल में ट्रांसमिशन में, क्षमता 11016 एमवीए तक पहुंच गई।
पर सच्चाई यह है कि पारा चढ़ने के साथ औद्योगिक क्षेत्रों में तीन घंटे की बिजली कटौती होने लगी है। इससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है। औद्योगिक क्षेत्र में कई फैक्टरी चौबीस घंटे चालू रहती हैं। ऐसे में बिजली कटौती से उत्पादन क्षमता के साथ रोजगार के साधन भी घटने लगे हैं।
क्या कहा फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू के चेयरमैन ने
हालांकि औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने सरकार से इस क्षेत्र को बिजली कटौती से बाहर रखने की मांग की है। फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू के चेयरमैन ललित महाजन ने कहा कि कई औद्योगिक क्षेत्रों में सुबह 6 से 9, शाम 5 से 8 आदि के बीच तीन घंटे की बिजली कटौती शुरू की गई है।
उनका कहना था कि सरकार नई औद्योगिक इकाइयों को चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति के दावे कर रही है, वहीं वर्तमान में इकाइयों के लिए कटौती शुरू की गई है। इस दौरान संभव नहीं कि जनरेटर से नियमित रूप से उक्त इकाइयों को चालू रखा जाए।
मार्किंट से हाई रेट पर बिजली नहीं खरीदना चाहती है प्रशासन
यही हाल अब घरेलू बिजली आपूर्ति के मोर्चे का है। प्रशासन बढ़ती गर्मी को दोष देता है। यह सच है कि मार्च में ही पारा 131 साल का रिकार्ड तोड़ चुका है और प्रशासन मांग व आपूर्ति में सिर्फ अप्रैल में ही 200 मैगावाट की कमी को पूरा करने की खातिर मार्किंट से हाई रेट पर बिजली न खरीद कर बिजली कट की परंपरा को जारी रखना चाहता है। गर्मी के अगले महीनों में क्या हाल होगा कोई नहीं जानता।