देशमुख भ्रष्टाचार जांच : जांच आयोग के सामने पेश होने पर परमबीर सिंह के खिलाफ जारी वारंट रद्द

By भाषा | Updated: November 29, 2021 16:14 IST2021-11-29T16:14:11+5:302021-11-29T16:14:11+5:30

Deshmukh corruption investigation: Warrant issued against Parambir Singh canceled after appearing before the Commission of Inquiry | देशमुख भ्रष्टाचार जांच : जांच आयोग के सामने पेश होने पर परमबीर सिंह के खिलाफ जारी वारंट रद्द

देशमुख भ्रष्टाचार जांच : जांच आयोग के सामने पेश होने पर परमबीर सिंह के खिलाफ जारी वारंट रद्द

मुंबई, 29 नवंबर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे एक आयोग ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ जारी जमानती वारंट रद्द कर दिया, जब सिंह सोमवार को आयोग के सामने पेश हुए।

न्यायमूर्ति के यू चांदीवाल आयोग ने उनसे मुख्यमंत्री राहत कोष में 15,000 रुपये जमा करने का भी निर्देश दिया।

सिंह ने एकल सदस्यीय आयोग के समक्ष एक हलफनामा भी दायर किया, जिसमें कहा गया कि उनके पास बयान देने के लिए कुछ भी नहीं है और वह जांच आयोग की पूछताछ का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।

संबंधित घटना में, अनिल देशमुख के वकील ने आयोग के परिसर में सिंह और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के एक ही कमरे में साथ बैठने पर आयोग के समक्ष आपत्ति जताई। वाजे मामले के संबंध में पूछताछ के लिए आयोग के समक्ष पेश हो रहे हैं।

देशमुख के वकील ने कहा, “सिंह और गवाह (वाजे) पिछले एक घंटे से एक साथ बैठे हैं। वह (सिंह) गवाह को प्रभावित कर सकते हैं।”

न्यायमूर्ति चांदीवाल (सेवानिवृत्त) ने शुरू में कहा, "इसे कैसे रोका जा सकता है?"

बाद में उन्होंने वाजे से कहा कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए "इस कमरे में बैठना बेहतर है" (जहां आयोग की कार्यवाही हो रही थी)।

वाजे को इस साल की शुरुआत में दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के पास एक एसयूवी से विस्फोटक बरामद होने और उसके बाद व्यवसायी मनसुख हिरन की संदिग्ध मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

‘एंटीलिया’ कांड के बाद मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरित कर दिए गए सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों से शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था।

इस साल मार्च में एक सदस्यीय आयोग का गठन तत्कालीन गृह मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पाार्टी (राकांपा) नेता देशमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए किया गया था।

आयोग ने इससे पहले सिंह पर कई मौकों पर पेश नहीं होने के लिए जुर्माना लगाया था और उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था।

जबरन वसूली के एक मामले में यहां की एक अदालत द्वारा फरार घोषित सिंह छह महीने बाद पिछले बृहस्पतिवार को सार्वजनिक रूप से सामने आए और अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा दी है।

एक स्थानीय बिल्डर की शिकायत पर अपने और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले में सिंह शुक्रवार को ठाणे पुलिस के समक्ष पेश हुए।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं।

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Web Title: Deshmukh corruption investigation: Warrant issued against Parambir Singh canceled after appearing before the Commission of Inquiry

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