दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंगलवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनसे प्रदर्शन खत्म करने की अपील की।
उपराज्यपाल ने प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि इससे स्कूली बच्चों, मरीजों और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि आठ सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने संशोधित नागरिकता कानून को वापस लिए जाने समेत कई मांगों का एक ज्ञापन उप राज्यपाल को सौंपा।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के निकट और शाहीन बाग में पिछले करीब एक महीने से हजारों लोग सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बैजल ने ट्वीट किया, ‘‘ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मिला। उनकी चिंताओं को संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया। स्कूली बच्चों, मरीजों, यात्रियों, स्थानीय लोगों और अन्य को सड़क बंद रहने से पेश आ रही समस्याओं को देखते हुए धरना खत्म करने की अपील की।’’
एक अन्य ट्वीट में उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘ मैं एक बार फिर सभी से शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील करता हूं।’’ इस बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी क्षेत्र) देवेश श्रीवास्तव और पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) चिन्मय बिस्वाल मौजूद थे।
अधिकारियों ने बताया कि उप राज्यपाल ने संबंधित पुलिस अधिकारियों से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था और सद्भावना बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। वहीं, दिन में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने प्रशासन से कहा है कि दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों में देखे गए गए बच्चों की पहचान करके उनकी काउंसलिंग की जाए।
एनसीपीसीआर ने दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि संभव है कि प्रदर्शन स्थल पर मौजूद रहे बच्चों को ‘अफवाहों और गलत जानकारी’ के कारण मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा हो।
शाहीन बाग के प्रदर्शन में मौजूद रहे बच्चों की काउंसलिंग की जाए: एनसीपीसीआर
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने प्रशासन से कहा है कि दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों में देखे गए गए बच्चों की पहचान करके उनकी काउंसलिंग की जाए।
एनसीपीसीआर ने दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि संभव है कि प्रदर्शन स्थल पर मौजूद रहे बच्चों को ‘अफवाहों और गलत जानकारी’ के कारण मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा हो।
आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, ‘‘हमें शिकायत मिली है कि बच्चों के दिमाग में यह घर कर दिया गया है कि वे दस्तावेज नहीं दिखा पाएंगे। इस शिकायत पर कदम उठाते हुए हमने जिला अधिकारी को पत्र लिखा और कहा कि बच्चों की पहचान की जाए और उनकी काउसंलिंग की जाए।’’ गौरतलब है कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग में पिछले एक महीने से लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।