निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा : किसान नेताओं ने कहा

By भाषा | Published: November 30, 2020 09:43 PM2020-11-30T21:43:22+5:302020-11-30T21:43:22+5:30

Demons have come to Delhi for decisive fight, protest against agricultural laws will continue: Farmer leaders said | निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा : किसान नेताओं ने कहा

निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा : किसान नेताओं ने कहा

नयी दिल्ली, 30 नवंबर केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने सोमवार को कहा कि वे ‘‘निर्णायक’’ लड़ाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वे उनके ‘‘मन की बात’’ सुनें।

प्रदर्शनकारी किसानों के एक प्रतिनिधि ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

भारतीय किसान यूनियन (दकौंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा, ‘‘हम अपनी मांगों से समझौता नहीं कर सकते।’’

उन्होंने कहा कि यदि सत्तारूढ़ पार्टी उनकी चिंता पर विचार नहीं करती तो उसे ‘‘भारी कीमत’’ चुकानी होगी।

किसानों के प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘हम यहां निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे और यहां से अपनी रणनीति बनाएंगे। हम प्रधानमंत्री से यह कहने के लिए दिल्ली आए हैं कि वह किसानों के ‘मन की बात’ सुनें, अन्यथा सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी को भारी कीमत चुकानी होगी...।’’

वहीं, भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आंदोलन को ‘‘दबाने’’ के लिए अब तक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगभग 31 मामले दर्ज किए गए हैं।

चढूनी ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।

वहीं, आप के पूर्व नेता एवं अखिल भारतीय संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय कार्यकारी समूह के सदस्य योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि किसानों के आंदोलन के बारे में पांच झूठ फैलाए जा रहे हैं, जिनमें यह झूठ भी शामिल है कि आंदोलन में केवल पंजाब के किसान शामिल हैं।

स्वराज इंडिया के प्रमुख यादव ने कहा कि विभिन्न राज्यों के किसानों के इस ‘‘ऐतिहासिक आंदोलन’’ के ‘‘ऐतिहासिक परिणाम’’ निकलेंगे।

चढूनी ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों से देश के कृषि व्यवसाय पर कॉरपोरेट घरानों का एकाधिकार हो जाएगा।

भारतीय किसान यूनियन उत्तर प्रदेश के महासचिव हरेंद्र नेहरा ने कहा कि नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक वे राष्ट्रीय राजधानी के पास यूपी गेट पर बैठे रहेंगे।

वहीं, यूपी गेट पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा, ‘‘यदि हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो अगले गणतंत्र दिवस तक आंदोलन जारी रखने के लिए हमारे पास पर्याप्त राशन है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बात करने के लिए दिल्ली के बुराड़ी में संत निरंकारी मैदान नहीं जाएंगे। हम सरकार से अपनी शर्तों पर राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में बात करेंगे।’’

भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष राजबीर सिंह ने कहा कि यूनियन से जुड़े किसानों ने सड़क पर एक अस्थायी तंबू लगाया है और इसे टिकैत के आवास में परिवर्तित किया गया है।

यूपी गेट के अलावा किसान पिछले पांच दिन से दिल्ली के सिंघू और टीकरी बॉर्डरों पर डटे हुए हैं। प्रदर्शनकारी किसानों में ज्यादातर पंजाब से हैं।

टिकैत ने कहा, ‘‘यह एकमात्र सरकार है जो हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।’’

गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों से बुराड़ी मैदान पहुंचने की अपील की थी और कहा था कि वहां पहुंचते ही केन्द्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल उनसे बातचीत करेगा।

किसानों के 30 से अधिक संगठनों की रविवार को हुई बैठक में किसानों के बुराड़ी मैदान पहुंचने पर तीन दिसंबर की तय तारीख से पहले वार्ता की केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पेशकश पर बातचीत की गई, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को स्वीकारने से मना कर दिया और सर्दी में एक और रात सिंघू तथा टीकरी बार्डरों पर डटे रहने की बात कही।

उनके प्रतिनिधियों ने कहा था कि उन्हें शाह की यह शर्त स्वीकार नहीं है कि वे प्रदर्शन स्थल बदल दें। उन्होंने दावा किया था कि बुराड़ी मैदान एक ‘खुली जेल’ है।

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Web Title: Demons have come to Delhi for decisive fight, protest against agricultural laws will continue: Farmer leaders said

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