प्रदूषण से मुकाबला करने के लिए 30 सितंबर तक तैयार होगी दिल्ली की ‘शीतकालीन कार्य योजना’
By भाषा | Published: September 9, 2021 06:36 PM2021-09-09T18:36:53+5:302021-09-09T18:36:53+5:30
नयी दिल्ली, नौ सितंबर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ‘शीतकालीन कार्य योजना’ 30 सितंबर तक तैयार हो जाएगी जो पराली जलाने, ज्यादा प्रदूषण वाली जगह, स्मॉग टावर और वाहनों तथा धूल से होने वाले प्रदूषण समेत 10 बिंदुओं पर केंद्रित होगी।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, पर्यावरण और वन विभाग की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद राय ने कहा कि वह अगले हफ्ते केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से पराली जलाने और उससे संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात करेंगे जिसमें पूसा बायो-डीकंपोजर का उपयोग करना शामिल है। यह एक माइक्रोबियल घोल है जो पराली को खाद बना देगा।
यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा, "शीतकालीन कार्य योजना 10 बिंदुओं पर केंद्रित होगी, जिनमें पराली जलाना, ज्यादा प्रदूषण वाली जगह, स्मॉग टॉवर का काम करना और वाहनों और धूल से होने वाला प्रदूषण शामिल है।”
योजना के हिस्से के रूप में, दिल्ली सरकार प्रदूषण रोधी प्रयासों की निगरानी और समन्वय के लिए पिछले साल शुरू किए गए 'ग्रीन वॉर रूम' को अपग्रेड करेगी और प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियों से संबंधित शिकायतों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए 'ग्रीन दिल्ली' मोबाइल ऐप को अपडेट करेगी।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रदूषण से संयुक्त रूप से लड़ने को लेकर पड़ोसी राज्यों के साथ बातचीत करने के लिए अधिकारियों की एक टीम भी गठित की जाएगी।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं है। मामला उत्तर भारत की साझा वायु से जुड़ा है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश में पर्यावरण के खिलाफ कोई भी गतिविधि दिल्ली को भी प्रभावित करती है।”
उन्होंने कहा कि योजना तैयार करने के वास्ते सुझाव लेने के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ 14 सितंबर को एक समीक्षा बैठक की जाएगी जिसमें दिल्ली के नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली यातायात पुलिस, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग शामिल हैं।
मंत्री ने कहा, "योजना 30 सितंबर तक तैयार हो जाएगी।" सम-विषम के माध्यमों से सड़कों पर गाड़ियों को चलाने की अनुमति देने वाली योजना पर राय ने कहा कि यह अंतिम उपाय है और सरकार प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए पहले अन्य उपायों पर ध्यान देगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पहले ही पूसा बायो-डीकंपोजर का प्रयोग कर चुकी है और इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। राय के मुताबिक, “इस साल भी, सरकार दिल्ली में किसानों को खेतों में पराली का प्रबंधन करने के लिए घोल निशुल्क मुहैया कराएगी। हम अन्य राज्यों को भी इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।