देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा बेहद ही खराब हो चुकी है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान विभाग के मुताबिक यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)533 पहुंच गया है जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। सांस के मरीजों के लिए ये हवा किसी ज़हर से कम नहीं है। वायु की गुणवत्ता बेहद खराब होने के कारण सांस लेने में मुश्किल हो रही है। वहीं प्रदूषण के कारण दृश्यता भी कम हो जाती है।
कनॉट प्लेस में पीएम10 654 और पीएम2.5 628 पहुंचा
दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में पीएम10 654 और पीएम2.5 628 पहुंच गया है। वहीं जंतर मंतर के पास पीएम10 382 और पीएम2.5 341 है। जबकि आईटीओ में पीएम2.5 374 पहुंचा है। गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक 0-5 को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 खराब, 3001-400 को बेहद खराब और 4001-500 को गंभीर की श्रेणी में रखा गया है।
मौसम विभाग ने जताई थी संभावना
बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने ये संभावना जाहिर की थी कि नवंबर के शुरूआती दिनों में दिल्ली की वायु बेहद खराब रहेगी। मौसम विभाग ने कहा था कि दिल्ली की एयर क्वलिटी 4 नवंबर तक बेहद खराब रह सकती है। इसके बाद 5 और 6 नवंबर को और भी ज्यादा खराब हो सकती है। आबोहवा में पीएम 2.5 की मात्रा प्रबल होगी।
खेतों में पराली जलाने से बढ़ा प्रदूषण
वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी SAFAR के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली का PM2.5 पराली जलाने के कारण 36 प्रतिशत था, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है। इस समय पंजाब और हरियाणा में पराली जलाई जाती है। पराली जलने से खुली हवा में सांस लेना कठिन हो जाता है। इसमें सांस संबंधी रोगियों को अधिक परेशानी होती है।