Air Pollution: दिल्ली की हवा हुई जहरीली, AQI 488, बेहद 'गंभीर' श्रेणी में देश की धड़कन
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 6, 2023 08:58 AM2023-11-06T08:58:52+5:302023-11-06T09:05:49+5:30
देश की राजधानी दिल्ली और उससे सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों में हवा अब भी बेहद जहरीली बनी हुई है।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और उससे सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों में हवा अब भी बेहद जहरीली बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQ) लगातार पांचवें दिन भी 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर-इंडिया) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 488 दर्ज की गई, जो कि बीते रविवार को 410 थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक प्रदूषण के इस भयंकर हालात को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है, उनके कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह बैठक GRAP-4 को सख्ती से लागू करने के लिए बुलाई गई है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने रविवार को वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण IV को लागू करने का निर्णय लिया। गुणवत्ता आयोग ने कहा कि चरण I से III के तहत लगाए गए प्रतिबंधों के अतिरिक्त चरण IV को लागू किया जाएगा।
इस 8 सूत्रीय कार्य योजना के अनुसार दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। केवल एलएनजी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर किसी भी अन्य ईंधन से संचालित वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं को ले जाने या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छोड़कर दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहन (एचजीवी) पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
जीआरएपी चरण-IV प्रतिबंधों में एनसीआर राज्य सरकारें भी शामिल हैं और जीएनसीटीडी छठी-नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के लिए भी शारीरिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में पाठ आयोजित करने पर निर्णय ले सकती हैं।
डॉक्टरों के अनुसार किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए अनुशंसित AQI 50 से कम होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से अधिक हो गया है, जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी पैदा हो सकता है।
मालूम हो कि पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामले शहर में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। इस बीच पंजाब के बठिंडा में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई, जहां AQI (बहुत खराब) श्रेणी में रहा और समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 दर्ज किया गया।
स्थानीय लोगों ने सरकार से अपील की कि वो किसानों को पराली जलाने से रोकें क्योंकि उसके कारण क्षेत्र में वायु प्रदूषण लगातार बिगड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा, "किसानों को पराली में आग न लगाने दें। धुएं से लोगों को बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं होंगी।"
वहीं एनजीटी ने एक बयान में कहा कि इन शहरों में वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि निवासियों को बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।