दिल्ली में आज अरविंद केजवरीवाल में तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली है। दिल्ली के रामलीला मैदान में केजरीवाल सरकार का शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ।
इस मौके पर आम आदमी पार्टी के 6 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली है। इन 6 विधायकों में एक नाम कैलाश गहलोत का भी है। गहलोत आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं में से एक हैं। इसके पहले भी वह केजरीवाल सरकार के मंत्री का हिस्सा रह चुके हैं। ऐसे में आइए कैलाश गहलोत के बारे सबकुछ जानते हैं-
दूसरी बार विधायक बने हैं गहलोतनजफगढ़ विधानसभा सीट से दूसरी बार कैलाश गहलोत विधायक बने हैं। यह सीट पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट में आती है। नजफगढ़ विधानसभा का इलाका हरियाणा की सीमा से सटा हुआ है, लिहाजा हरियाणवी वोटर्स की भूमिका काफी निर्णायक रहती है। 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी गहलोत ने जीत दर्ज की थी। गहलोत ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) प्रत्याशी भरत सिंह को हराया था। इस विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है। इस सीट पर 25 प्रतिशत जाट, 15 प्रतिशत ब्राह्माण और अनुसूचित जाति वर्ग के 15 प्रतिशत वोटर्स हैं।
ये है गहलोत का संक्षिप्त परिचय कैलाश गहलोत पेशे से एक वकील हैं। गहलोत दिल्ली उच्च न्यायालय में 16 वर्षों से अधिक समय से प्रैक्टिस कर रहे हैं। 2005-2007 के दौरान गहलोत दिल्ली उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन में कार्यकारी के रूप में निर्वाचित हुए थे। कैलाश नजफगढ़ के मित्राउन गांव से सम्बंध है। यहां उनका परिवार नौ पीढ़ियों से अधिक समय से रह रहा है।
गहलोत नजफगढ़ क्षेत्र से फरवरी 2015 में दिल्ली विधानसभा के लिए पहला चुनाव जीता था। वह आम आदमी पार्टी राजनीतिक दल के सदस्य भी हैं। गहलोत अरविंद केजरीवाल की सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इसके अलावा, श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में बीए (ऑनर्स) किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक और एलएलएम की शिक्षा पूरी की। 1994-95 में वह छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी गहलोत के घर पर मारा था छापासाल 2018 में कैलाश गहलोत के घर समेत 16 ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड किया था। आयकर विभाग ने एक बार फिर उनके घर में छापेमारी की जिस दौरान 100 करोड़ की टैक्स चोरी की बात कही थी। लेकिन इस मामले में भले ही विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। गहलोत कई बार सार्वजनिक मंचों से इसे नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अरविंद केजरीवाल सरकार को बदनाम करने की योजना का हिस्सा बता चुके हैं।