दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर झूठ फैलाने के आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद रामविलास पासवान ने पलटवार किया है और कहा कि पानी की गुणवत्ता हमने चेक नहीं की है। इसे एक प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा चेक किया गया है। बता दें, केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री दिल्ली में पानी की गुणवत्ता को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार (21 नवंबर) को केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने पानी की गुणवत्ता को लेकर कहा है कि हमने पानी की गुणवत्ता की जांच नहीं की है, यह देश की प्रतिष्ठित संस्था-ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने किया है। संस्था की ओर से गुणवत्ता के लिए जो मानक तय किए गए हैं उसके अनुसार दिल्ली का पानी नहीं पाया गया है।
गौरतलब है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि दिल्ली से लिये गए पानी के सभी 11 नमूने जल की गुणवत्ता मापने वाले 19 मापदंडों पर खरे नहीं उतर पाए और दिल्ली का पानी 21 राज्यों की राजधानियों में से सबसे असुरक्षित है।
पासवान पर निशाना साधते हुए कहा, 'सर, आपका कहना है कि आपने इनके यहां से पानी के नमूने लिए और वे नमूने फेल हो गए जबकि इनका कहना है कि आपने इनके यहां से कोई नमूने नहीं लिए। इनका यह भी कहना है कि वह पानी से संतुष्ट हैं। आपने इतना बड़ा झूठ बोला? केन्द्रीय मंत्री होकर लोगों के साथ इतना बड़ा धोखा?'
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने केजरीवाल को पानी की जांच के वास्ते दिल्ली और केन्द्र की संयुक्त टीम के लिए नाम देने के लिए कहा था, जिसके बाद केजरीवाल ने बुधवार को पासवान को पत्र लिखकर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और सदस्य शलभ कुमार को नामित किया।
इसके बाद पासवान ने केजरीवाल को पत्र लिख मोहनिया का नाम खारिज करने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि क्योंकि मोहनिया एक ‘‘राजनीतिक शख्स’’ हैं, इसलिए वह एक ऐसे शख्स को नामित करें जिसका राजनीति से कोई नाता ना हो।