Delhi Violence: हिंसा वाले क्षेत्र नूर-ए-इलाही की मस्जिदों में दो बार हुई जुमे की नमाज, ये है वजह
By अनुराग आनंद | Published: February 28, 2020 02:43 PM2020-02-28T14:43:11+5:302020-02-28T14:43:11+5:30
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में भड़की उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। आज अधिकतर इलाकों में शांति है। पुलिस का दावा है कि हालात सामान्य हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के नूर ए इलाही में 24 फरवरी को दंगा हुआ था। आज शुक्रवार को इन मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए भारी भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की यहां तैनाती की थी।
यही वजह रहा कि यहां की मस्जिदों में जुमे की नमाज दो बार हुई। लोगों की संख्या ज़्यादा होने की वजह और सुरक्षा को देखते हुए ऐसा किया गया। जिन लोगों ने पहले नमाज अदा की वह मस्जिद के बाहर खड़े हुए सुरक्षा के लिए, फिर जिन लोगों ने नमाज नहीं पढ़ी थी उन्होंने नमाज पड़ी। नमाज होते ही लोग अपने घरों की तरफ लौट गए।
इस समय तक दिल्ली हिंसा का नया अपडेट ये है-
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में भड़की उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। आज अधिकतर इलाकों में शांति है। पुलिस का दावा है कि हालात सामान्य हैं। पुलिसबल दंगा प्रभावित इलाकों में लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। घायलों की संख्या 200 के पार है। हिंसा में कथित भागीदारी को लेकर 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 48 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। गिरफ्तार सारे लोग स्थानीय हैं। दिल्ली में हिंसा 23 फरवरी की शाम से भड़की थी।
नमाज के दौरान भारी भीड़ जुटने की अंदेशा को देखते हुए मस्जिदों से की गई शांति की अपील-
उत्तरपूर्व दिल्ली की स्थानीय मस्जिदों ने दंगा प्रभावित इलाकों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने की शुक्रवार को अपील की। मस्जिदों ने लोगों से एकजुट होने और अफवाह पर यकीन नहीं करने की अपील के साथ ही संदिग्ध लोगों की जानकारी अधिकारियों को देने तथा पुलिस के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया। मस्जिदों से हो रही घोषणा में कहा गया, “किसी भी तरह की आपात स्थिति में, कृपया 112 पर कॉल करें।”
बता दें कि चांद बाग में दिल्ली पुलिस के ज्वांइट कमीश्नर ओ.पी. मिश्रा ने कहा इलाके में हालात सामान्य होने की प्रक्रिया कल से शुरू हो गई थी। हमारा फोकस यहां रहने वाले लोगों का सामान्य जन जीवन शुरू हो सुनिश्चित करना है।फ्लैग मार्च, पेट्रोलिंग के जरिए हम लोगों को विश्वास में लेने की कोशिश कर रहे हैं।