Delhi Violence: लोकसभा में दिल्ली की हिंसा को लेकर हुई धक्कामुक्की, हाथापाई तक पहुंची नौबत
By शीलेष शर्मा | Published: March 3, 2020 05:48 AM2020-03-03T05:48:04+5:302020-03-03T05:48:04+5:30
राज्यसभा में भी विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया लेकिन सभापति वैंकया नायडू ने यह करकर मामले को टाल दिया कि वे इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराएंगे जब दिल्ली में शांति स्थापित हो जाएगी.
दिल्ली की हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में आज विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की. लोकसभा में बजट अधिवेशन का दूसरा सत्र जैसे ही प्ररंभ हुआ सांसद महतो को श्रद्धांजली देने के बाद हंगामा शुरू हो इससे पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
दो बजे सदन जब पुन: बैठा तो विपक्षी सांसद काफी उत्तेजित थे. वे नारे लगाते हुए सदन के वीचों बीच आ गए. इन सांसदों की मांग थी कि दिल्ली की हिंसा पर मोदी जवाब दें और गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा हो. सांसदों के हाथों में पोस्टर और बैनर थे. जिनपर अमित शाह के इस्तीफे की मांग तथा मोदी के जवाब देने की मांग लिखी थी, काफी देर तक विपक्षी सांसद नारेबाजी करते रहे लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामे की परवाह किए बिना सदन को जबरन चलाने की कोशिश की.
इससे विपक्षी सदस्य और उत्तेजित हो गए. बिहार के सांसद जयसवाल ने जब मुख्य विषय से हटकर सोनिया और राहुल गांधी पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाए तो विपक्षी सांसद बैनर लेकर उनके सामने खड़े हो गए. ताकि लोकसभा टीवी पर बैनर दिखाए जा सकें.
इस हंगामे के बीच भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी अपनी ही पार्टी के अन्य साथियों के साथ आगे बढ़े और जबरन हंगामा कर रहे सांसदों के हाथों से बैनर छीन लिए. विधूड़ी ने जैसे ही बैनर छीने सदन का परिदृष्य ही बदल गया. कुछ देर के लिए पहले धक्का मुक्की और फिर हाथापाई की नौबत आ गई. मामले को बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आनन फानन में सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.
जब विपक्षी सदस्यों की अनदेखी की जा रही थी तो उन्होंने कागज फाड़कर अध्यक्ष की कुर्सी की ओर उछाले. जो सदस्य सर्वाधिक उत्तेजित थे उनमें कांग्रेस की हरिदास राम्या, गौरव गोगोई, सपा के शफीकुर्रहमान, एस टी हसन, बसपा के दानिश अली और टीएमसी की महुआ मोइत्रा शामिल थीं.
सदन में हंगामा इतना बढ़ गया कि केवल घूंसे लात चलने बाकी थे. कांग्रेस की ओर से सदन के नेता अधीर रंजना चौधरी केंद्रीय मंत्री स्मृती ईरानी रविशंकर प्रसाद ने दोनों गुटों को अलग अलग कराया. इसी दौरान कांग्रेस की महिला सांसद हरिदास राम्या से भाजपा के कुछ सदस्य जा भिड़े और उन्होंने जबरन उनके हाथ से वह बैनर छीन लिया जो वह दिखा रही थीं. इससे माहौल कुछ देर के लिए कुछ और गर्म हुआ. लेकिन सदन स्थिगित हो जाने के कारण यह तूल नहीं पकड़ सका.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल भाजपा सांसदों की प्रतिक्रिया से खासे नाराज हैं और अब वे और गति से हंगामा करने की तैयारी कर रहे हैं. इससे पूर्व आज सुबह आम आदमी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सासंदों ने काली पट्टियां बांधकर दिल्ली की हिंसा पर अपना विरोध संसद परिसर में प्रकट किया. इसमें राहुल गांधी, ए के एंटोनी सहित दूसरे दलों के नेता भी शामिल थे.
राज्यसभा में भी विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया लेकिन सभापति वैंकया नायडू ने यह करकर मामले को टाल दिया कि वे इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराएंगे जब दिल्ली में शांति स्थापित हो जाएगी. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कड़ी आपत्ति उठाई और कहा कि दो दिन दिल्ली जलती रही सरकार कहां थी. सभापति के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सहित विपक्ष ने जब हंगामा किया तो आसन ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी.