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Delhi Violence: देवेंद्र फड़नवीस का दावा- उमर खालिद ने दिल्ली में हिंसा भड़काने की बात कही थी

By भाषा | Updated: March 15, 2020 06:11 IST

देवेंद्र फड़नवीस ने आरोप लगाया, ‘‘कार्यक्रम (जिसमें खालिद ने भाषण दिया) की तस्वीरों में राज्य के दो मंत्री भी दिखे। जो उसने (खालिद ने) अपने भाषण में कहा, वह दिल्ली में हुआ। यद्यपि राज्य सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर रही है।’’

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ठळक मुद्देदेवेंद्र फड़नवीस ने दावा किया कि जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने पिछले महीने महाराष्ट्र के अमरावती में सीएए के खिलाफ भाषण दिया था, जिसमें उसने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली में हिंसा भड़कायी जानी चाहिए।फड़नवीस ने कहा कि अराजकता उत्पन्न करने के लिए सीएए विरोधी कई प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस कार्यक्रम में खालिद ने भाषण दिया उसमें दो मंत्री मौजूद थे।

भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने शनिवार को दावा किया कि जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने पिछले महीने महाराष्ट्र के अमरावती में सीएए के खिलाफ भाषण दिया था, जिसमें उसने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली में हिंसा भड़कायी जानी चाहिए।

फड़नवीस ने कहा कि अराजकता उत्पन्न करने के लिए सीएए विरोधी कई प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस कार्यक्रम में खालिद ने भाषण दिया उसमें दो मंत्री मौजूद थे। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार खालिद के खिलाफ कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने (सदन में) यह उजागर किया कि कैसे राज्य सरकार सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर स्पष्टीकरण नहीं दे रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शांति नहीं रहे।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कार्यक्रम (जिसमें खालिद ने भाषण दिया) की तस्वीरों में राज्य के दो मंत्री भी दिखे। जो उसने (खालिद ने) अपने भाषण में कहा, वह दिल्ली में हुआ। यद्यपि राज्य सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर रही है।’’

फड़नवीस ने दोनों मंत्रियों का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में सबूत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को देंगे। फड़नवीस ने यहां राज्य विधानभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि संशोधित नागरिकता कानून किसी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनता। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत नागरिकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाता। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस नीत संप्रग सरकार द्वारा 2010 में लाया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थिति के बावजूद जानबूझकर अराजकता उत्पन्न करने के लिए प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है और वित्तपोषण पापुलर फ्रंट आफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है। चूंकि धनराशि का इस्तेमाल अराजकता उत्पन्न करने के लिए किया गया इसलिए इसे आतंकवाद वित्तपोषण के तौर पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए। इस पर फैसला अदालत करेगी।’’

फड़नवीस ने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय ऐसे वित्तपोषण के सबूत सामने लाया है। राज्य सरकार वोटों के लिए इन सब पर मूकदर्शक रही है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शन स्वतःस्फूर्त हो सकते हैं लेकिन सभी नहीं। फड़नवीस ने मांग की कि उद्धव ठाकरे सरकार स्पष्ट करे कि सीएए किसी भारतीय नागरिक के खिलाफ नहीं है।

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