उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोधी और समर्थक के बीच हुई हिंसा में कई परिवारों ने अपनों को खोया है तो कोई अपनों को अस्पताल में मौत और जिंदगी के बीच जूझता देख रहा है. दिल्ली हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की दंगाइयों ने जान ले ली, तो गंभीर रूप से घायल डीसीपी अमित शर्मा का अस्पताल में इलाज चल रहा है.पैरा मिलिटरी फोर्स दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा तो दे ही रही है वहीं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के 1500 सुरक्षाकर्मियों ने एम्स की तरफ आयोजित कैम्प में रविवार को रक्तदान शिविर में हिस्सा लिया. सीएपीएफ के अंतर्गत आने वाले सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी के कर्मियों ने रक्तदान किया है.सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसमें सीरआरपीएफ के 500 कर्मी, सीआईएसएफ के 400, बीएसएफ के 350 और आईटीबीपी के 100 सुरक्षाकर्मियों ने रक्तदान किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''जीटीबी अस्पताल के ब्लड बैंक में पर्याप्त ब्लड मौजूद रहे, इसके लिए डोनेट किया गया, जहां मंगलवार से दिल्ली दंगे में घायल हुए लोगों को भर्ती कराया गया है.''एक अधिकारी ने बताया कि 30 से अधिक सीआरपीएफ जवानों ने जीटीबी अस्पताल में रक्तदान किया है ताकि घायलों के इलाज में खून की कमी न हो. मंगलवार को पैरा मिलिटरी के 50 जवानों को अस्पताल भेजा गया, जिनमें से 34 ने रक्तदान किया. बाकियों को स्टैंडबाय पर रखा गया है.
Delhi Violence: हिंसा के प्रभावितों की जान बचाने के लिए 1500 सुरक्षाकर्मियों ने किया रक्तदान
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 28, 2020 08:13 IST
Delhi Violence: पैरा मिलिटरी फोर्स दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा तो दे ही रही है वहीं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के 1500 सुरक्षाकर्मियों ने एम्स की तरफ आयोजित कैम्प में रविवार को रक्तदान शिविर में हिस्सा लिया. सीएपीएफ
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ठळक मुद्देसीरआरपीएफ के 500 कर्मी, सीआईएसएफ के 400, बीएसएफ के 350 और आईटीबीपी के 100 सुरक्षाकर्मियों ने रक्तदान किया है. जीटीबी अस्पताल के ब्लड बैंक में पर्याप्त ब्लड मौजूद रहे, इसके लिए डोनेट किया गया, जहां मंगलवार से दिल्ली दंगे में घायल हुए लोगों को भर्ती कराया गया है.'