दिल्ली हिंसाः दंगाइयों ने जलाया BSF जवान मोहम्मद अनीस का घर, विभाग ने बढ़ाए मदद के हाथ
By गुणातीत ओझा | Updated: February 29, 2020 18:40 IST2020-02-29T18:40:25+5:302020-02-29T18:40:25+5:30
दिल्ली हिंसा में उपद्रवियों ने खजूरी खास इलाके में सीमा सुरक्षा बल के जवान मोहम्मद अनीस का घर भी जला दिया था। विभाग तक यह बात पहुंची को बीएसएफ ने खुद अपने जवान की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।

दंगाइयों ने जवान मोहम्मद अनीस का जला दिया था घर, अब BSF करेगी मदद
नागरिकता संशोधन कानून पर उत्तरी पूर्वी दिल्ली में फैली हिंसा में दंगाइयों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान का घर आग के हवाले कर दिया था। मीडिया में चली खबरों के मुताबिक विभाग को इस घटना के बारे में पता चला। पीड़ित बीएसएफ जवान ने घर जल जाने की सूचना अपने आला अधिकारियों को नहीं दी थी, बीएसएफ खुद अपने जवान की मदद के लिए सामने आया है। बीएसएफ के डीजी ने कहा कि वह अपने जवान का घर फिर से बनाने में पूरी मदद करेंगे।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में फैली हिंसा के दौरान दंगाइयों ने बीएसएफ कांस्टेबल मोहम्मद अनीस का घर फूंक दिया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद बीएसएफ ने जवान के पिता से संपर्क किया। विभाग के आला अधिकारी परिवार की मदद के लिए राहत सामग्री के साथ शनिवार को खजूरी खास उसके घर पहुंचे। बीएसएफ जवान मोहम्मद अनीस ओडिशा में तैनात है।
Pushpendra Rathore, BSF Deputy Inspector General (Headquarters): BSF engineers have come with us. They will repair the house of constable Mohammad Anees. BSF will provide financial assistance to the family from its welfare fund. #DelhiViolencehttps://t.co/uUEoHOKQXkpic.twitter.com/eBDgUSjqoE
— ANI (@ANI) February 29, 2020
बीएसएफ के डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह राठौर अपनी टीम के साथ राहत सामग्री लेकर पहुंचे थे। डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि बीएसएफ की तरफ के अनीस का मकान ठीक कराया जाएगा और 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी जाएगी। डीआईजी (मुख्यालय) पुष्पेंद्र राठौर ने बताया है कि अनीस अभी ओडिशा में तैनात हैं और जल्द ही उसका ट्रांसफर दिल्ली किया जाएगा। बताते चलें कि 25 फरवरी को दिल्ली में हिंसा के दौरान जवान अनीस के पिता मोहम्मद मुनिस (55), चाचा मोहम्मद अहमद (59) और 18 वर्षीय चचेरी बहन नेहा परवीन घर में मौजूद थे, जब दंगाइयों ने उनके घर पर हमला किया था।
दंगा प्रभावित इलाकों में सामान्य होते हालात
उत्तरपूर्वी दिल्ली में शनिवार सुबह हालात शांतिपूर्ण रहे। स्थानीय निवासी इस सप्ताह की शुरुआत में इलाके में हुए साम्प्रदायिक दंगों में पहुंचे नुकसान से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षाकर्मी फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं और स्थानीय लोगों का डर खत्म करने के लिए रोज उनसे बातचीत कर रहे हैं। वे स्थानीय निवासियों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने तथा उसकी पुलिस में शिकायत करने का अनुरोध कर रहे हैं।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार एक व्हाट्सएप नंबर जारी करने पर विचार कर रही है जिस पर लोग इस मैसेजिंग एप पर प्रसारित किए जा रहे घृणा संदेशों के बारे में शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार लोगों से ऐसे संदेश आगे न भेजने की अपील करेगी क्योंकि समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने वाले ऐसे संदेशों को प्रसारित करना एक अपराध है। इस कदम का मकसद सोशल मीडिया पर अफवाहों से निपटना है।
दंगा पीड़ितों के रिश्तेदार जीटीबी अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर अपने परिजन के शव मिलने के लिए इंतजार में बैठे हैं। उत्तरपूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।