जानें कौन है डॉ. शक्ति भार्गव, जिसने बीजेपी प्रवक्ता नरसिम्हा राव पर फेंका जूता
By पल्लवी कुमारी | Updated: April 18, 2019 15:31 IST2019-04-18T15:31:35+5:302019-04-18T15:31:35+5:30
शक्ति भार्गव की मां दया भार्गव ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि वह अपने बेटे के साथ नहीं रहती हैं नाहीं बेटे से उनका कोई संपर्क है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा उनसे अलग रहता है।

जानें कौन है डॉ. शक्ति भार्गव, जिसने बीजेपी प्रवक्ता नरसिम्हा राव पर फेंका जूता
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव पर गुरुवार (18 अप्रैल) को एक शख्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जूता फेंक दिया है। इस घटना के बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है। घटनास्थल पर मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तत्काल प्रभाव से जूता फेंकने वाले शख्स को पकड़ लिया। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो सका है कि जूता फेंकने वाले ने किस वजह से जूता फेंका है। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में जीवीएल नरसिम्हा राव, भूपेंद्र यादव और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
#WATCH Delhi: Shoe hurled at BJP MP GVL Narasimha Rao during a press conference at BJP HQs .More details awaited pic.twitter.com/7WKBWbGL3r
— ANI (@ANI) April 18, 2019
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को इसके पास से एक विजिटिंग कार्ड मिला है। जिससे पता चला है कि जूता फेंकने वाले शख्स का नाम डॉ. शक्ति भार्गव है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. शक्ति भार्गव पिछले काफी दिनों से बीजेपी के दफ्तर जा रहे थे। शक्ति भार्गव के फेसबुक आईडी पर लिखा है कि ये कानपुर उत्तर प्रदेश में रहते हैं। इन्होंने अपनी प्रोफाइल में एक महिला के साथ तस्वीर लगाई हुई है। ये महिला और भी कई तस्वीरों में डॉ. शक्ति भार्गव के साथ दिख रही हैं।
शक्ति भार्गव फेसबुक पर अपने आप को व्हसिल ब्लोअर बता रहे हैं। इन्होंने लास्ट पोस्ट 16 अप्रैल को दिन के 12 बजे के आसपास की है। जिसमें उन्होंने लिखा है, 2014- मोदी का नारा, ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। उन्होंने लिखा है, 'पिछले तीन सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पीएसयू के 14 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। नमो मे 2014 में कहा- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। नमो ने 2019 में कहा- सरकार के अंदर भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई आवाज नहीं है। एक तरफ लाल इमली मिल्स के दर्जनों कर्मचारी आत्महत्या मजबूर हैं। एक ओर ग्यारह संपत्तियां जिनकी कीमत 450 करोड़ रुपये हैं, उनके डील को साल 2008 में रद्द कर दिया गया था। उसे समझौता धारकों ने 11 करोड़ रुपये में ब्रिटिश इंडिया कंपनी के पास बंधक बनाकर रखा हुआ है। इनको आखिर बार सैलरी साल 2017 में मिला था।'
शक्ति भार्गव अपने फेसबुक पर बीजेपी द्वारा लालकृष्ण आडवाणी को टिकट ना देने पर एक तंज करते हुए फोटो भी शेयर की है। इस फोटो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नमस्कार करते हुए दिख रहे हैं लालकृष्ण आडवाणी। भार्गव के फेसबुक को देखा जाए तो लग रहा है कि वो नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ हैं।
शक्ति भार्गव की मां दया भार्गव ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि वह अपने बेटे के साथ नहीं रहती हैं, नाहीं बेटे से उनका किसी भी तरह का कोई संपर्क है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा उनसे अलग रहता है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच में लगी है। पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर शक्ति भार्गव ने ऐसा क्यों किया? पुलिस की ओर से इसपर अभी कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।
