Delhi 'Sheesh Mahal': कितना सरकारी पैसा इस्तेमाल?, प्रवेश वर्मा बोले- ‘शीश महल’ विवाद की जांच शुरू की जाएगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 27, 2025 13:15 IST2025-02-27T13:14:14+5:302025-02-27T13:15:11+5:30
Delhi 'Sheesh Mahal': पता लगाया जा सके कि इसके नवीनीकरण पर कितना पैसा खर्च किया गया और किस आधार पर अधिकारियों ने इस तरह के खर्चों की अनुमति दी।

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Delhi 'Sheesh Mahal': दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि ‘शीश महल’ विवाद की जांच शुरू की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में कितना सरकारी पैसा इस्तेमाल किया गया। ‘6, फ्लैगस्टाफ रोड’ स्थित बंगले को भाजपा ‘‘शीश महल’’ कहती है, जिसका इस्तेमाल केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए किया था। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता से हटाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल पर बंगले में ‘‘शानदार सुविधाओं’’ के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। वर्मा ने कहा, ‘‘आप सरकार के तहत तीन साल पहले बनाए गए भव्य मुख्यमंत्री कार्यालय की जांच की जाएगी।
ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसके नवीनीकरण पर कितना पैसा खर्च किया गया और किस आधार पर अधिकारियों ने इस तरह के खर्चों की अनुमति दी।’’ पांच फरवरी के विधानसभा चुनावों में नयी दिल्ली सीट से केजरीवाल को हराने वाले वर्मा ने कहा, ‘‘भाजपा जिस ‘6 फ्लैगस्टाफ रोड’ स्थित मुख्यमंत्री के आवास को ‘शीश महल’ कहती है, उसकी भी जांच की जाएगी।
ताकि यह पता लगाया जा सके कि पिछली सरकार ने इसके नवीनीकरण के लिए कितना पैसा आवंटित किया था।’’ वर्मा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री भी हैं। उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ डिफेंस कॉलोनी में जारी बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं का निरीक्षण किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने एक क्षतिग्रस्त पुलिया की समीक्षा की जिसकी पिछले दो वर्षों से मरम्मत की जा रही है।
मरम्मत कार्य के कारण सड़कें बंद हो गई हैं और इलाके में यातायात की गंभीर समस्या है। उन्होंने अधिकारियों को निविदा प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया और निवासियों को आश्वासन दिया कि अप्रैल तक मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। मार्ग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह सड़क बारापुला तक जाती है और यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण गलियारा है।
पिछली सरकार की लापरवाही के कारण बारापुला परियोजना की लागत इसकी मूल मंजूरी की राशि से दोगुनी हो गई है।’’ पूर्ववर्ती प्रशासन की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अरविंद केजरीवाल की टीम के किसी भी मंत्री ने इसकी प्रगति की निगरानी के लिए ‘साइट’ का दौरा नहीं किया।