Delhi Services Bill 2023: राज्यसभा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया। राज्यसभा ने 'हां-131, ना-102' के साथ दिल्ली सेवा विधेयक पारित किया। दिल्ली सेवा विधेयक पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं के मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता।
दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को जिताकर साफ कहा है कि दिल्ली में दख़लंदाज़ी मत करना, लेकिन मोदी जी जनता की बात नहीं सुनना चाहते हैं। संसद में अमित शाह जी ने कहा कि हमारे पास कानून पारित करने की शक्ति है। आपको लोगों के लिए काम करने की शक्ति दी गई है, उनके अधिकार छीनने की नहीं।
दिल्ली से संबंधित विधेयक पर अरविंद केजरीवाल कि आप के खिलाफ भाजपा चार चुनाव हार गई, उसने पिछले दरवाजे से दिल्ली में सत्ता हथियाने की कोशिश की। प्रधानमंत्री दिल्ली में हस्तक्षेप क्यों कर रहे हैं। वे (भाजपा) अपने कामकाज से केजरीवाल, आप का मुकाबला नहीं कर सकते, उनका एकमात्र मकसद मुझे रोकना है।
राज्यसभा में पास हुए दिल्ली सेवा विधेयक पर भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूं क्योंकि यह उनकी जीत है। अब, अधिकारियों पर अरविंद केजरीवाल का डर खत्म हो गया है... बिल 30 वोटों के अंतर से पारित हुआ है। उन्होंने सोचा कि वे गठबंधन के साथ जीतेंगे।
राज्यसभा में सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को प्रवर समिति के पास भेजे जाने संबंधी आप सदस्य राघव चड्ढा के प्रस्ताव को लेकर सत्ता पक्ष के पांच सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में उनके नाम डाले गए और इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए।
उच्च सदन में जब ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ पर चर्चा पूरी हो गयी तब उपसभापति हरिवंश ने इसे पारित करवाने के क्रम में विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधनों को रखवाना शुरू किया। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का प्रस्ताव आया जिन्होंने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव था और इसमें समिति के सदस्यों के नाम भी थे।
इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन के दो सदस्य कह रहे हैं कि उनके नाम उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में डाले गए और प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर नहीं है। शाह ने कहा कि यह जांच का विषय है। शाह ने कहा, ‘‘यह मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीपने का नहीं है। यह सदन के अंदर फर्जीपने का मामला है।’’
उन्होंने दोनों सदस्यों के बयान दर्ज करवा कर इस मामले की जांच करवाने के लिए कहा। बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि प्रवर समिति में उनका नाम रखने के लिए उनसे सम्मति नहीं ली गयी थी। उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार हनन का मामला है।
इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि चार-पांच सदस्यों ने कहा है कि उन्होंने समिति में अपना नाम नहीं भेजा है और इसकी जांच की जाएगी। अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने कहा कि उन्होंने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। गृह मंत्री शाह ने इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजे जाने की फिर मांग की।