"दिल्ली सेवा विधेयक केवल अरविंद केजरीवाल की राजनीति का परिणाम है", संदीप दीक्षित का बेहद तीखा हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 8, 2023 08:57 AM2023-08-08T08:57:03+5:302023-08-08T09:00:57+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने संसद के दोनों सदनों से पारित होने वाले दिल्ली सेवा विधेयक पर पार्टी लाइन से हटकर राय व्यक्त करते हुए सारा दोष मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मत्थे मढ़ा है।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने संसद के दोनों सदनों से पारित होने वाले दिल्ली सेवा विधेयक पर पार्टी लाइन से हटकर राय व्यक्त करते हुए सारा दोष मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मत्थे मढ़ा है। पूर्व लोकसभा सांसद संदीप दीक्षित ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सेवाओं के नियंत्रण पर कानूनी मसौदा तैयार होने के पीछे केवल अरविंद केजरवीला का सत्ता संघर्ष है और केंद्र के साथ कड़वे रिश्ते ने इस आग में घी का काम किया है।
दिल्ली की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कहा कि अगर आज की तारीख में शीला दीक्षित होतीं और दिल्ली की कमान उनके हाथों में होती तो केंद्र सरकार कभी भी ऐसा विधेयक पेश नहीं करती। सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर शीला दीक्षित का कभी भी केंद्र के साथ कोई सीधा टकराव या विवाद नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, "केजरीवाल सरकार से पूर्व एक समय था जब केंद्र और दिल्ली की सरकारों के बीच सेवाओं को लेकर पारस्परिक सहमति थी। सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा था लेकिन 2014 में दुर्भाग्य से जब से अरविंद केजरीवाल ने सत्ता संभाली, वह दिल्ली पर शासन करने की बजाय राजनीति करने लगे। वह केंद्र के साथ सत्ता संघर्ष में उलझ गए।"
दीक्षित ने कहा, ''इसमें कोई शक नहीं की केंद्र गलत तरीकों का इस्तेमाल कर अपने राजनीतिक हितों को साध रहा है। यही कारण है कि केंद्र इस विधेयक को लेकर आया। अन्यथा, दिल्ली में इस तरह के विधेयक की कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन इसके पीछे मुख्य वजह अरविंद केजरीवाल हैं।''
उन्होंने कहा कि दोनों सदनों से विधेयक के पारित होने के साथ अब दिल्ली की आप सरकार जनता के लिए काम करने की बजाय "राजनीति" का सहारा लेगी।
कांग्रेस नेता ने कहा, "अब, मैं केवल यह आशा कर सकता हूं कि अरविंद केजरीवाल अपने शेष कार्यकाल के दौरान शहर के विकास के लिए काम करेंगे। हालांकि, यह काफी संभावना है कि वह राजनीति का सहारा लेंगे और सेवाओं पर मसौदा कानून के पारित होने के बाद अधिक राजनीतिक बयान जारी करेंगे।“