Delhi Services Bill: दिल्ली सेवा विधेयक को राष्ट्रपति ने नए कानून के रूप में अधिसूचित किया, भारत सरकार की अधिसूचना जारी, जानें अपडेट
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 12, 2023 01:01 PM2023-08-12T13:01:15+5:302023-08-12T13:09:36+5:30
Delhi Services Bill: भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 गजट पर अधिसूचना जारी कर दी है।
नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद दिल्ली सेवा अधिनियम कानून बन गया। भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 गजट पर अधिसूचना जारी कर दी है। संसद ने विवादास्पद ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को मतविभाजन के बाद मंजूरी दे दी थी।
कई विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1 अगस्त को लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया था। इसके बाद विधेयक 7 अगस्त को राज्यसभा में पारित किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों का विधेयक उच्च सदन में पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोटों से पारित हो गया था।
Government of India issues gazette notification on Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Act, 2023. pic.twitter.com/dNcUFQPQOh
— ANI (@ANI) August 12, 2023
यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। आम आदमी पार्टी (आप) ने इस विधेयक को अब तक का सबसे "अलोकतांत्रिक" कागज़ का टुकड़ा करार दिया। विधेयक में प्रस्तावित किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी के अधिकारियों के निलंबन और पूछताछ जैसी कार्रवाई केंद्र के नियंत्रण में होगी।
विधेयक के उद्देश्य और कारणों में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 239 (क) (क) के उपबंधों के आशय और प्रयोजन को प्रभावी बनाने की दृष्टि से स्थानांतरण, तैनाती और सतर्कता और अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों पर उपराज्यपाल को सिफारिश करने के लिए मुख्य सचिव और गृह विभाग के प्रधान सचिव के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक स्थाई प्राधिकरण का गठन करने की बात है।
यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। नए कानून से प्रदेश में निर्वाचित सरकार तथा केंद्र के बीच चल रहा झगड़ा खत्म हो जाएगा जिससे संवैधानिक प्राधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में स्पष्टता आएगी।
राष्ट्रीय राजधानी में सेवा मामलों से संबंधित एक विधेयक संसद में पारित होने के कुछ दिन बाद विधानसभा सचिवालय ने दिल्ली विधानसभा शोध केंद्र अध्येतावृत्ति (फेलोशिप) कार्यक्रम के तहत 116 अध्येताओं की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं। विधानसभा सचिवालय ने इस महीने की शुरुआत में एक आदेश जारी कर अध्येताओं की नियुक्ति बंद कर दी थी।