दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ करीब 6 विधायक दिल्ली सरकार में मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। इन 6 नामों में एक नाम सत्येंद्र जैन का भी है। जैन इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल की सरकार में मंत्री थे।
इस बार भी उन्होंने दिल्ली के शकूरबस्ती सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के डॉक्टर एस. सी. वत्स को 7592 वोटों से हराकर ये सीट जीत ली है। इसके पहले भी सत्येंद्र जैन शकूर बस्ती से ही उम्मीदवार थे। आइए जानते हैं कि कौन हैं सत्येंद्र जैन और उनका अबतक का सफर कैसा रहा है-
सत्येंद्र जैन का निजी जीवन ये है-
सत्येंद्र जैन मूलत: उत्तर प्रदेश के बागपत तहसील के किरथल के रहने वाले हैं। उनके पिता सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। बागपत में सत्येंद्र के जन्म के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया था। पहले वो सरस्वती विहार में अपने परिवार के साथ रहते थे और अब सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास में रहते हैं।
सत्येंद्र जैन ने पढ़ाई के बाद केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में नौकरी की आपको बता दें कि सत्येंद्र जैन ने 1992 में असोसिएट मेंबरशिप ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स से आर्किटेक्चर की पढ़ाई की थी। इसके बाद एक वास्तुकार के रूप में उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में नौकरी शुरू की।
कुछ समय बाद ही अपनी आर्किटेक्चरल कंसल्टेंसी फर्म की स्थापना के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। उनकी पत्नी पूनम जैन भी आर्किटेक्चर के क्षेत्र में ही काम करती हैं। पढ़ाई और नौकरी के समय से ही वो तमाम तरह के समाज सेवा कार्यों से जुड़े हुए थे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ चले जन लोकपाल आंदोलन से वह इतने प्रभावित हुए कि उसमें ईमानदारी से योगदान देने के लिए उन्होंने अपना करियर छोड़ दिया।
राजनीति में सत्येंद्र जैन की एंट्रीसत्येंद्र जैन दिल्ली की वर्तमान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का पदभार संभाल रहे हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में वो शकूर बस्ती से विधायक चुने गए थे। इससे पहले 2013 के चुनावों में भी उन्होंने आप के टिकट पर शकूर बस्ती विधानसभा से जीत हासिल की थी। 49 वर्षीय आप नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ अबतक किसी भी तरह के आपराधिक मामले दर्ज नहीं हैं। आर्थिक रूप से देखा जाए तो सत्येंद्र जैन करीब 7 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, जबकि उनके उपर करीब एक करोड़ रुपए का कर्ज है।
सत्येंद्र जैन पर अपनी बेटी को फायदा पहुंचाने का भी लगा है आरोप
शुंगलू समिति की रिपोर्ट में सत्येंद्र जैन के खिलाफ अपनी बेटी के निजी हितों को सरकारी पद पर रहते हुए फायदा पहुंचाने के तहत आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट में जैन पर वंशवाद और प्रक्रियात्मक कदाचार का आरोप लगाया गया था।
ये आरोप आम आदमी पार्टी की स्वास्थ्य सेवाओं में जैन की बेटी की सेवा लेने को लेकर लगाए गए थे। इसपर आम आदमी पार्टी ने कहा था कि यह आरोप स्वास्थ के क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को बाधित करने के लिए लगाए गए हैं।
हालांकि, बाद में सीबीआई ने जांच में पाया कि जैन की बेटी अवैतनिक रूप से पार्टी के लिए काम करती है और उनके द्वारा किसी भी सरकारी संसाधन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। केजरीवाल सरकार की वाहवाही करवाने वाले मोहल्ला क्लीनिक के संकल्पना के पीछे भी सत्येंद्र जैन का ही हाथ है।