दिल्ली दंगे: सीएए विरोध प्रदर्शन वाले वीडियो उपलब्ध कराने के आवेदन का संज्ञान लेने के लिए निचली अदालत स्वतंत्र
By भाषा | Updated: October 27, 2021 18:53 IST2021-10-27T18:53:29+5:302021-10-27T18:53:29+5:30

दिल्ली दंगे: सीएए विरोध प्रदर्शन वाले वीडियो उपलब्ध कराने के आवेदन का संज्ञान लेने के लिए निचली अदालत स्वतंत्र
नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि ‘पिंजरा तोड़’ कार्यकर्ता देवांगना कालिता की याचिका को पूर्व में खारिज किये जाने से, निचली अदालत द्वारा उनकी नयी याचिका का संज्ञान लेने में कोई दिक्कत पेश नहीं आएगी।
कालिता के विरुद्ध दिल्ली दंगों के संबंध में मामला दर्ज है और उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन वाले कुछ वीडियो की प्रतियां उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि संबंधित निचली अदालत के लिए नई याचिका का संज्ञान लेने का विकल्प खुला रहेगा।
गत वर्ष याचिका खारिज किये जाने के आदेश को चुनौती देने वाली कालिता की याचिका का निस्तारण करते हुए न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि उक्त आदेश निचली अदालत ने इस बात का संज्ञान लेते हुए दिया गया था कि मामले में अन्य आरोपियों के विरुद्ध जांच जारी है। न्यायाधीश ने कहा कि अभी मामला दायर हुए आरोपपत्र का संज्ञान लिए जाने के चरण में है। विशेष लोक अभियोजक अमित महाजन ने अदालत में कहा कि जांच पूरी नहीं हुई है और मामले में अभी पूरक आरोपपत्र दायर किया जाना बाकी है।
कालिता ने वकील अदित एस पुजारी, तुषारिका मट्टू और कुणाल नेगी के जरिये दायर अपनी याचिका में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों के वीडियो की प्रति और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आंकड़े उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। यह मामला दिल्ली के जाफराबाद इलाके में हुए दंगों से संबंधित है।
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