Delhi Rain Deaths: दिल्ली के जैतपुर में बड़ा हादसा हो गया है। जैतपुर के हरिनगर में दीवार गिरने की घटना में 8 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें 3 पुरुष, 2 महिलाएं और 2 लड़कियां शामिल हैं। दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने जानकारी दी। राहत और बचाव तेज किया गया है। हरि नगर में दीवार गिरने की घटना पर एडिशनल डीसीपी साउथ ईस्ट ऐश्वर्या शर्मा ने कहा कि यहाँ एक पुराना मंदिर है और उसके बगल में पुरानी झुग्गियाँ हैं, जहाँ कबाड़ी वाले रहते हैं। रात भर हुई भारी बारिश के कारण दीवार गिर गई। हमने अब इन झुग्गियों को खाली करा दिया है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।
हरिनगर में रात भर हुई भारी बारिश के कारण दीवार गिरने से एक पुराने मंदिर के पास झुग्गियों में रहने वाले आठ लोग फंस गए थे। बचाए गए लोगों को अस्पताल ले जाया गया। आगे की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों ने झुग्गियों को खाली करा दिया है। दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जैतपुर इलाके में स्थित हरि नगर में एक इमारत गिरने की सूचना मिली थी। घटना इमारत गिरने की नहीं, बल्कि दीवार गिरने की थी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार सुबह भारी बारिश के बीच जैतपुर के हरिनगर में मोहन बाबा मंदिर के पास दीवार गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली अग्निशमन सेवा ने बताया कि पुलिस दल के साथ दमकल की तीन गाड़ियां घटनास्थल पर भेजी गईं। अग्निशमन विभाग को शनिवार सुबह नौ बजकर 16 मिनट पर घटना के बारे में सूचना मिली।
अधिकारियों ने बताया कि दीवार ढहने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। राष्ट्रीय राजधानी में रात भर भारी बारिश हुई और भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया। दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में बारिश शुक्रवार देर रात 11 बजे शुरू हुई थी।
दिल्ली में यमुना का जलस्तर चेतावनी के निशान के करीब पहुंचा
दिल्ली में यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर सुबह नौ बजे 204.40 मीटर के स्तर पर पहुंच गया जो 204.50 मीटर के चेतावनी स्तर के करीब है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और सभी संबंधित एजेंसियों को बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है।
केंद्रीय बाढ़ निगरानी कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है।’’ उन्होंने कहा कि जलस्तर में वृद्धि संभवतः हरियाणा और उत्तराखंड के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के कारण हुई है।
पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरे पर नजर रखने के लिए एक महत्वपूर्ण निगरानी बिंदु के रूप में काम करता है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, वजीराबाद से लगभग 30,800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और हथिनीकुंड बैराज से लगभग 25,000 क्यूसेक पानी हर घंटे प्राप्त हो रहा है।
शहर के लिए चेतावनी का निशान 204.5 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.3 मीटर है और जलस्तर 206 मीटर पर पहुंचने के बाद निचले इलाकों से निकासी शुरू कर दी जाती है। बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं।