नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: किसान अपनी परेशानियों और अपनी मांगों को लेकर गांधी जयंती पर राजघाट कूच कर रहे हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर तैनात सुक्षाबलों और किसानों के बीच पूरे दिन संघर्ष देखा गया। किसानों पर लाठियां, आंसू गैस और पानी की बौझारकर सुरक्षा बलों ने दिल्ली कूच पर विराम लगाने के लिए पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। आखिरकार दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर दिल्ली की ओर कुच कर रहे किसानों के लिए लगाए बैरिकेड्स को खोल दिया है। देर रात इजाजत मिलने के बाद आंदोलनकारी किसान अब दिल्ली के किसान घाट की ओर कूच कर रहे हैं।
मालूम हो कि हरिद्वार से दिल्ली के लिए भारतीय किसान क्रांति (भाकियू) यात्रा समेत किसान क्रांति पदयात्रा में उत्तर भारत के कई राज्यों के किसान शामिल हैं। यह आंदोलन आठ अक्टूबर तक चलेगा।
इससे पहले दिल्ली में किसानों के पहुंचने की आहट पर सीमाओं पर भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दी गई थी। कई जगहों पर रास्ते रोक दिए गए थे। इससे पूर्वी दिल्ली और गाजियाबाद में पूरे दिन भारी जाम लगा। पुलिस उपायुक्त (पूर्व) पंकज सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया जो आठ अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा।
बता दें कि आंदोलनकारी किसानों को पुलिस प्रशासन ने आंसू गैस के गोले छोड़ और पानी की बौछारकर पीछे धकेल दिया था। हालांकि आंदोलनकारियों की पुलिस से छड़पें भी हुई। साथ ही साथ प्रशासन से बातचीत का दौर शुरू हुआ है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं देने को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने किसानों को अपना समर्थन दिया और कहा है कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत क्यों नहीं है? ये गलत है। हम किसानों के साथ हैं।