कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र द्वारा मनरेगा फंड जारी करने की मांग को लेकर भतीजे अभिषेक बनर्जी की अगुवाई में हुए तृणमूल के प्रदर्शन में नेताओं के साथ मारपीट के मुद्दे पर बेहद कड़ी नराजगी व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की आलोचना करते हुए कहा मोदी सरकार ने बंगाल की आवाज को दबाने के लिए उत्पीड़न की सारी हदें पार कर दी हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स 'पर कहा, “आज लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है, एक ऐसा दिन जब भाजपा ने बंगाल के लोगों के प्रति अपने तिरस्कार, गरीबों के अधिकारों की उपेक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों का खुलेआम त्याग किया है। मोदी सरकार ने सबसे पहले निर्दयतापूर्वक बंगाल के गरीबों के लिए महत्वपूर्ण धनराशि रोक दी और जब हमारा प्रतिनिधिमंडल शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए दिल्ली पहुंचा तो उसके साथ पहले राजघाट पर और फिर कृषि भवन में क्रूरता की गई।”
इसके आगे सीएम ममता बनर्जी ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को सरकार की तानाशाही बताते हुए कहा कि वो तृणमूल नेताओं से ऐसे व्यवहार कर रही थी, मानों पो पुलिस न होकर भाजपा के कार्यकर्ता हों। जिन्होंने सच बोलने और ताकतवर लोगों को चुनौती देने के लिए तृणमूल कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ मारपीट की।
उन्होंने कहा, “भाजपा की मजबूत भुजा के रूप में कार्य करते हुए दिल्ली पुलिस ने बड़े ही बेशर्मी से हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया, उन्हें जबरन धरना स्थल से हटाया गया और आम अपराधियों की तरह पुलिस वैन में ले गई। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि तृणमूल कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सत्ता के सामने सच बोलने का साहस किया। उनके अहंकार की कोई सीमा नहीं है और उनके अभिमान और अहंकार ने उन्हें अंधा कर दिया है। उन्होंने अब बंगाल की आवाज को दबाने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं!”
मालूम हो कि बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने बीते मंगलवार को सूबे को मनरेगा फंड जारी करने की मांग को लेकर कृषि भवन पर प्रदर्शन किया। जिसमें तृणमूल का आरोप है कि उसकी महिलाओं सांसदों सहित अन्य संसदों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा कथिततौर पर बदसलूकी की गई।
तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना की निंदा की और इसे "भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन" करार दिया और साथ ही आह्वान किया कि इस अत्याचार के खिलाफ 5 अक्टूबर को कोलकाता में 'राजभवन अभियान' चलाया जाएगा। तृणमूल कार्यकर्ता और नेता दिल्ली में हुई बदसलूकी के खिलाफ राज्यपाल के सामने प्रदर्शन करेंगे।
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, "इस दुर्व्यवहार का जनता आने वाले समय में जवाब देगी और जो लोग सोचते हैं कि वो अपनी ताकत से तृणमूल को रोक देंगे, वे गलत हैं। इससे हम और मजबूत बनेंगे। हमारे साथ अंग्रेजों ने भी ऐसा व्यवहार नहीं किया था, जैसा मोदी जी और दिल्ली पुलिस ने आज किया है।"
दरअसल कृषि भवन के अंदर मरनेगा को लेकर धरना दे रहे तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओ'ब्रायन और महुआ मोइत्रा सहित अन्य सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के करीब तीन घंटे बाद पुलिस ने नेताओं को मंगलवार और बुधवार की रात में रिहा भी कर दिया गया।