दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो ड्राइवर से मारपीट के मामले में पुलिस ने कॉन्स्टेबल पुष्पेंद्र शेखावत और कॉन्टेबल सत्य प्रकाश को बर्खास्त कर नौकरी से निकाल दिया गया है। घटना 16 जून 2019 की है। मामले का संज्ञान लेते हुए आरोपी कॉन्स्टेबल को पिछले महीने निलंबित कर दिया गया था। सिख ड्राइवर की पिटाई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। दिल्ली पुलिस और ऑटो ड्राइवर से मारपीट पर गृह मंत्रालय ने भी मांगी रिपोर्ट थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना की निंदा की थी।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 'ऐसे कृत्य से पुलिस विशेषकर दिल्ली पुलिस जैसी मेट्रोपॉलिटन फोर्स की छवि खराब होती है, जिससे लोगों को काफी उम्मीदें हैं। पूरे घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए डेप्युटी कमिश्नर राकेश कुमार (फर्स्ट बटालियन, डीएपी) ने कॉन्स्टेबल पुष्पेंदर शेखावत और कॉन्स्टेबल सत्य प्रकाश को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया है।'
दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो ड्राइवर और उसके नाबालिग बेटे की पिटाई मामले में पुलिस ने रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट में पुलिस ने ऑटो ड्राइवर सरबजीत और उसके नाबालिग बेटे को ही दोषी बताया है। रिपोर्ट में पुलिस की ओर से यह कहा गया है कि सिख ड्राइवर ने पुलिस पर तलवार से वार किया, जबकि बेटे ने ऑटो से कांस्टेबल को कुचलने की कोशिश की थी।
जानें क्या था दिल्ली में ऑटो वाले की पिटाई का पूरा मामला
16 जून 2019 की शाम मुखर्जी नगर में टेम्पो ड्राइवर ने पुलिस वेन में टक्कर मार दी। इसके बाद दोनों में बहस शुरू हुई। ऑटो ड्राइवर ने ‘कृपाण’ (तलावर) निकाल ली और दिल्ली पुलिस के अफसर पर हमला कर दिया। पुलिस ने कहा कि ड्राइवर खतरनाक ढंग से ऑटो चला रहा था। उसके ऑटो से पुलिसकर्मी की पैर में चोट लगी थी। इसके बाद दर्जनभर पुलिस वाले ड्राइवर पर लात-घूंसे और लाठियां बरसाने लगे। आस-पास के लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और उसको सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। जिसका वीडियो वायरल हो गया है।