नई दिल्लीः स्टॉक लिमिट लगने के बाद प्याज की आसमान छूती कीमतों में 10 रुपए किलो तक गिरावट आई है।सरकार के दखल के बाद दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख बाजारों में प्याज के थोक भाव 10 रुपये किलो तक गिरे हैं।
सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली है। इसके अलावा सरकारी एजेंसी नेफेड के बफर स्टॉक में रखे प्याज का बड़ा हिस्सा खराब होने की आशंका जताई जा रही है। भंडारण में रखी प्याज में नमी कम होने से करीब 25 हजार टन प्याज खराब हो सकता है। सरकार के पास एक लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्टॉक लिमिट लगने से मंडियों में प्याज की आवाक बढ़ी है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में दैनिक आवक बढ़ कर 530 टन से अधिक हो गयी है। मुंबई में आवक 885 टन से बढ़कर 1,560 टन, चेन्नई में 1,120 टन से बढ़ कर 1,400 टन और बेंगलुरु में 2,500 टन से बढ़कर 3,000 टन तक पहुंच गयी है। जिससे प्याज के दामों में कमी आई है।
प्याज का भंडारण कर रही नैफेड के प्रबंध निदेशक एस के चड्ढा ने कहा है कि प्याज की सेल्फ लाइफ करीब साढ़े तीन महीने है। इसके बाद यह सूखने लगता है। हम बफर स्टॉक के लिए मार्च-अप्रैल से प्याज खरीद रहे हैं। नेफेड ने अभी तक बफर स्टॉक से करीब 43 हजार टन प्याज बाजार में उतार दिया है।
त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए नवंबर के पहले सप्ताह तक 22 हजार टन प्याज स्टॉक से रिलीज कर दिया जाएगा। शेष स्टॉक के खराब होने की संभावना है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने हाल ही में नैफेड को ताजा बफर स्टॉक बनाने और प्याज की खरीद शुरू करने के लिए कहा है। जिससे किल्लत को दूर किया जा सके।
केंद्र ने प्याज की खपत और आपूर्ति को लेकर राज्यों से मांग ली है। इसमें केरल, असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप से 35 हजार टन प्याज के ऑर्डर मिले हैं। नेफेड 26 रुपये प्रति किलो और परिवहन शुल्क के साथ प्याज की सप्लाई कर रहा है। जिससे राज्यों को करीब 28-30 रुपये किलो के भाव पर प्याज मिल रहा है। महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज के भाव में पांच रुपये की गिरावट आयी है। वहां भाव 51 रुपये किलो आ गया है।