दिल्ली में लॉकडाउन के बीच आवश्यक वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने कमर कस ली है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर से सभी इस बाबत दिल्ली पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें आम लोगों तक सामान पहुंचाने वाले डिलिवरी ब्यॉय को छूट देने का निर्देश दिया है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा पुलिस अधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा गया है, जोमोटो, फ्लिपकार्ट, अमेजन, 24 सेवेन, ब्लू डार्ट, डीटीडीसी, WOW एक्स्प्रेस, स्वीगी, बिगबॉस्केट, मिल्कबॉस्केट, डुजों, बिग बाजार, स्नैपडील, लुसियस, मेडलाइफ, फार्मेसी, अर्बनक्लैप, निंजाकार्ट, होंसा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस फ्रेश, पिज्जा हट, जुबिलयेंट फूड वर्क्स, फूड पांडा, डॉक्टर लाल पैथ, मैक्स पेथ और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के डिलिवरी ब्यॉय को सामान पहुंचाने की छूट दी गई है।
दिल्ली पुलिस ने ई कॉमर्स वेबसाइट का एक प्लेटफार्म भी बनाया है, जिस पर ये कंपनियां आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में आ रही दिक्कतों को साझा कर सकेंगी। दिल्ली पुलिस इन परेशानियों को तत्काल दूर करने के उपाय सुनिश्चित करेगी। पुलिस ने इन कंपनियों के प्रतिनिधियों को आवागमन के लिये अलग पास भी जारी किये हैं।
जरूरी कागजात लेकर जा सकते हैं अस्पताल
अस्पताल में इलाज कराने वाले लोग जरूरी कागजात लेकर निकल सकते हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा है कि सभी ग्राउंड स्टाफ को निर्देश दिया गया है कि वह जरूरी कागज देखने के बाद लोगों को जाने दें।
पुलिस ने ना उलझे, इस नंबर करें कॉल
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी व्यक्ति को रोका जाता है वह पुलिसकर्मी से ना ही उलझे और ना बहस करें। कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति दिल्ली पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 011-23469526 पर कॉल करें। इसके बाद उन्हें जरूरत की सभी चीजें मिल जाएंगी।
बुधवार को हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया
पहले दिन के लॉकडाउन में दिल्ली पुलिस ने बताया कि सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने के लिए 180 से अधिक मामले दर्ज किए गए और 5,103 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, शाम पांच बजे तक आईपीसी की धारा 188 के तहत 183 मामले दर्ज किए गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (24 मार्च) को देशभर में 21 दिनों के लिए पूर्ण रूप से बंद की घोषणा की थी और कहा था कि इस वायरस के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में देश के लिए यही एक रास्ता है। इस बीच, दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ एक बैठक की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को आवश्यक वस्तुओं के लिए सड़कों पर नहीं आना पड़े। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों को इस तरह के सामान की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं।