दिल्ली शराब घोटाला: ईडी ने हैदराबाद के कारोबारी अरुण पिल्लई को किया गिरफ्तार, आज सिसोदिया से प्रवर्तन निदेशालय कर सकती है पूछताछ
By अंजली चौहान | Published: March 7, 2023 10:27 AM2023-03-07T10:27:08+5:302023-03-07T10:52:53+5:30
ईडी ने मामले की चार्जशीट में के कविता को शराब कंपनी में 65 फीसदी हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाया था। जांच एजेंसी ने उनसे 11 दिसंबर, 2022 को उनके हैदराबाद स्थित आवास पर पूछताछ की थी।
हैदराबाद:प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर कथित घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी के मुताबिक अरुण पिल्लई दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी हैं और कथित तौर पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के.कविता के साथ काम कर चुके हैं।
ईडी ने मामले की चार्जशीट में के कविता को शराब कंपनी में 65 फीसदी हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाया था। जांच एजेंसी ने उनसे 11 दिसंबर, 2022 को उनके हैदराबाद स्थित आवास पर पूछताछ की थी।
गौरतलब है कि इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस समय सीबीआई की हिरासत में हैं। वह फिलहाल कोर्ट द्वारा सीबीआई की हिरासत में हैं और मामले में उनसे पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण पिल्लई को दिल्ली से गिरफ़्तार किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 7, 2023
दिल्ली आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। जांच एजेंसियों का दावा है कि इस घोटाले में दिल्ली की आम आदमी सरकार की भूमिका अहम है और सरकार के कई मंत्री इस घोटाले में शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, अक्टूबर 2022 में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अरुण पिल्लई के कथित सहयोगी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया था। अभिषेक रॉबिन डिस्ट्रीब्यूशन एलएलपी नाम की एक कंपनी के निदेशक है, जो कि एक कथित शेल कंपनी थी जिसका इस्तेमाल नीति लाभान्वित होने वाली शराब फार्मों से कमीशन लेने के लिए किया जाता था।
अभिषेक कथित तौर पर 'सदर्न लॉबी' के लिए 'कार्टेलाइजेशन' का पक्षकार था और शराब कारोबारियों की लॉबिंग में शामिल था। सूत्रों के मुताबिक, अरुण पिल्लई कमीशन वसूल करता था और इसे फर्म के जरिए भेजता था।