दिल्ली शराब घोटाला: कोर्ट ने बढ़ाई मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत, पूर्व मंत्री के लिए अब जेल में ही मुहैया कराए जाएंगे कुर्सी-टेबल
By अंजली चौहान | Published: May 23, 2023 11:38 AM2023-05-23T11:38:46+5:302023-05-23T12:04:19+5:30
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आप नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 1 जून तक बढ़ा दी है।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को लेकर कोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट ने जेल में बंद मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 1 जून तक बढ़ा दिया है।
आम आदमी पार्टी की सत्ताधारी सरकार द्वारा नई आबकारी नीति लागू करने के मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मनीष सिसोदिया कई महीनों से जेल में बंद है।
इस बीच अदालत ने अभी उन्हें 1 जून तक और जेल में रहने का आदेश दिया है। ये आदेश मनीष सिसोदिया के लिए निराशाजनक है।
हालांकि, कोर्ट ने पूर्व मंत्री की सुविधा के लिए जेल प्रशासन को यह आदेश दिया है कि उन्हें जेल में टेबल और कुर्सी मुहैया कराई जाए ताकि पूर्व मंत्री अपना अध्ययन कर सके।
Delhi excise policy case | Delhi's Rouse Avenue Court extends the judicial custody of AAP leader and former Delhi Deputy CM Manish Sisodia till June 1; also directed the jail authorities to consider his request to provide him chair and table for study purposes.
— ANI (@ANI) May 23, 2023
(File photo) pic.twitter.com/nxlwpVbrtU
दरअसल, मंगलवार, 23 मई को मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत खत्म हो चुकी थी। जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए उनकी न्यायिक हिरासत को फिर से बढ़ा दिया है।
मालूम हो कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम इस समय प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच का सामना कर रहे हैं।
इस मामले में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था। ईडी के साथ-साथ सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में मनीष सिसोदिया न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद है।
बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर 31 मार्च को सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया इस मामले में आपराधिक साजिश के प्रथम दृष्टता में सूत्रधार थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90 से 100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में प्रमुख भूमिका निभाई थी।