मंदिर और मस्जिद सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण नहीं कर सकते, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-दीवारों को ध्वस्त कीजिए और फुटपाथ को एकसमान करे

By भाषा | Published: February 27, 2023 02:26 PM2023-02-27T14:26:49+5:302023-02-27T14:37:39+5:30

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने कहा कि दो धार्मिक परिसरों के सामने स्थित फुटपाथ की चौड़ाई पैदल यात्रियों के लिए अपर्याप्त है, जो छह मीटर चौड़ी होनी चाहिए थी।

Delhi High Court said Temples and mosques cannot encroach public land demolish walls level footpath | मंदिर और मस्जिद सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण नहीं कर सकते, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-दीवारों को ध्वस्त कीजिए और फुटपाथ को एकसमान करे

दीवारों को ध्वस्त किया जाए और फुटपाथ को एकसमान किया जाए।

Highlightsबड़े हिस्से के लिए की जाने वाली विकास गतिविधियों को बाधित नहीं कर सकते हैं।दीवारों को ध्वस्त किया जाए और फुटपाथ को एकसमान किया जाए।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक फुटपाथ से लगे दो धार्मिक परिसरों के कुछ हिस्सों को ध्वस्त करने की अनुमति देते हुए कहा है कि उपासना स्थल सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण तथा लोगों के एक बड़े हिस्से के लिए की जाने वाली विकास गतिविधियों को बाधित नहीं कर सकते हैं।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने कहा कि दो धार्मिक परिसरों के सामने स्थित फुटपाथ की चौड़ाई पैदल यात्रियों के लिए अपर्याप्त है, जो छह मीटर चौड़ी होनी चाहिए थी। मथुरा रोड पर लिंक हाउस के सामने झील का प्याऊ में स्थित सनातन धर्म मंदिर/प्राचीन शिव मंदिर के संरक्षकों ने कथित अतिक्रमण के खिलाफ पीडब्ल्यूडी द्वारा अक्टूबर 2022 में जारी एक पत्र के विरुद्ध पिछले साल उच्च न्यायालय का रुख किया था। मंदिर के बगल में एक मस्जिद के भी होने की अदालत को सूचना दिये जाने के बाद, दिल्ली वक्फ बोर्ड को भी याचिका में एक पक्षकार बनाया गया था।

अदालत ने कहा कि चूंकि मंदिर और मस्जिद, दोनों की दीवारें फुटपाथ को बाधित करती हैं, ऐसे में इन दीवारों को ध्वस्त किया जाए और फुटपाथ को एकसमान किया जाए। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने एक हालिया आदेश में कहा, ‘‘अदालत का यह मानना है कि व्यापक जनहित दोनों उपासना स्थलों, मंदिर और मस्जिद, द्वारा जताई गई चिंता से अधिक महत्वपूर्ण होगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस अदालत का मानना है कि पीडब्ल्यूडी को फुटपाथ को एकसमान करने के लिए अनुमति दी जाए। इस उद्देश्य के लिए यदि मंदिर/मस्जिद का कुछ हिस्सा तोड़ना/ध्वस्त करना पड़ेगा, तो अदालत इसकी अनुमति देगी।’’ 

Web Title: Delhi High Court said Temples and mosques cannot encroach public land demolish walls level footpath

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