संक्रमण को रोकने के लिए घर में पृथकवास का दिल्ली सरकार का मॉडल प्रभावी साबित हुआ

By भाषा | Updated: March 24, 2021 17:49 IST2021-03-24T17:49:36+5:302021-03-24T17:49:36+5:30

Delhi government's model of segregation at home proved effective to prevent infection | संक्रमण को रोकने के लिए घर में पृथकवास का दिल्ली सरकार का मॉडल प्रभावी साबित हुआ

संक्रमण को रोकने के लिए घर में पृथकवास का दिल्ली सरकार का मॉडल प्रभावी साबित हुआ

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 24 मार्च दिल्ली सरकार ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मरीजों को उनके घर में ही पृथकवास में रखने का एक मॉडल पेश किया था जो कि कोरोना वायरस के मामलों को रोकने के लिए एक प्रभावी तरीका साबित हुआ।

इसके अलावा सरकार ने गंभीर रोगियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नामित अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाया और इसके लिए होटलों और बैंक्वेट हॉल को भी तैयार रखा। दिल्ली सरकार के इन उपायों ने राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के प्रसार को रोकने में अहम भूमिका निभाई।

दिल्ली में पहला कोविड-19 मामला एक मार्च को सामने आया था और जून 2020 में महामारी का पहला बड़ा उछाल आया था, जब राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार एक दिन में 3,000 से अधिक मामले आए थे।

आज देश में घातक कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को ठीक एक साल पूरा हो गया जिससे दिल्ली में अब तक 6.49 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 10,967 लोगों की जान जा चुकी है।

मंगलवार को, राष्ट्रीय राजधानी में 1,101 मामले आए, जो इस वर्ष की उच्चतम दैनिक वृद्धि है और पहली बार 2021 में दिल्ली में दैनिक संक्रमण का आंकड़ा 1000 को पार कर गया। पिछले कई दिनों से मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

पिछले साल मार्च के अंत में लॉकडाउन लागू होने के तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई उपायों को लागू किया था, और उसके द्वारा उठाए गए अभिनव कदमों में से एक था बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों को उनके घरों में ही पृथकवास में रखकर उपचार करना।

आम नागरिकों की आवाजाही पर रोक के साथ ही लोग लॉकडाउन के दौरान अपने घरों से बाहर निकलने से डरते थे। सरकार की निगरानी में घर में पृथकवास के निर्णय ने ऐसे कई रोगियों को राहत दी, जो नहीं जाना चाह रहे थे।

दिल्ली सरकार ने जून के बाद दैनिक जांच क्षमता को काफी बढ़ा दिया था और बाजारों, मुहल्ला क्लीनिकों और अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जांच करके मामलों का पता लगाने के प्रयास को काफी तेज कर दिया था।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने पिछले साल सितंबर में पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि दिल्ली सरकार की गृह पृथकवास नीति जून में मामलों में उछाल को नियंत्रित करने में "गेम चेंजर" साबित हुई। यह रणनीति बाद में भी जारी रही।

लॉकडाउन की पहली वर्षगांठ के आसपास संक्रमण के मामलों में फिर से वृद्धि होने के मद्देनजर, दिल्ली सरकार ने पहले से ही जांच बढ़ाने, संक्रमितों का पता लगाने और मरीजों को पृथकवास में रखने संबंधी उपायों को तेज करने के आदेश जारी किए हैं और गृह पृथकवास पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है।

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Web Title: Delhi government's model of segregation at home proved effective to prevent infection

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