दिल्ली सरकार ने पिछले पांच साल राजस्व अधिशेष की स्थिति बनाये रखी: कैग रिपोर्ट
By भाषा | Updated: December 3, 2019 06:08 IST2019-12-03T06:08:10+5:302019-12-03T06:08:10+5:30
रिपोर्ट के अनुसार राजस्व व्यय 2016- 17 के 29,302 करोड़ रुपये से 15.19 प्रतिशत बढ़कर 2017- 18 में 33,754 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

दिल्ली सरकार ने पिछले पांच साल राजस्व अधिशेष की स्थिति बनाये रखी: कैग रिपोर्ट
दिल्ली सरकार ने पिछले पांच साल में राजस्व अधिशेष की स्थिति बनाये रखी है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की सोमवार को राज्य की वित्तीय स्थिति पर पेश ऑडिट रिपोर्ट में यह कहा गया है। कैग की 2017-18 की आडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के कर और गैर - कर राजस्व में पिछले साल के मुकाबले क्रमश : 14.70 प्रतिशत और 101.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उप - मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में यह रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने पिछले पांच 2013-17 से 2017-18 तक राजस्व अधिशेष की स्थिति को बरकरार रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का राजस्व व्यय 2016- 17 के मुकाबले 2017- 18 में 15.19 प्रतिशत बढ़ा है। इस दौरान सामान्य सेवाओं पर व्यय 606 करोड़ रुपये बढ़ा है। सामाजिक सेवाओं पर इसमें 3,023 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।
शिक्षा, खेलकूद, कला और संस्कृति की मद में व्यय 1,359 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मद में 735 करोड़ और सामाजिक कलयाण एवं पोषाहार की मद में 589 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार राजस्व व्यय 2016- 17 के 29,302 करोड़ रुपये से 15.19 प्रतिशत बढ़कर 2017- 18 में 33,754 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च 2018 तक दिल्ली में तीनों नगर निगमों पर 3814.89 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं के तहत नगर निकायों को तिमाही आधार पर कर्ज दिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च 2012 तक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) 2,059.87 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था।
2012 में तीन भागों में बांटने के बाद ये कर्ज दिल्ली के तीनों नगर निगमों दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (936 करोड़ रुपये), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (729.61 करोड़ रुपये) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (394.26 करोड़ रुपये) में बांट दिया गया था। एनडीएमसी का 2012-18 के दौरान 1,680.75 करोड़ रुपये के कर्ज मिले। 2012-13 से 2014-15 के दौरान 372.82 करोड़ रुपये की कर्ज की वसूली हुई। निगम की खस्ताहाल हालत की वजह से 2015-16 से 2017-18 की अवधि में भुगतान को टाल दिया गया। एनडीएमसी पर 31 मार्च 2018 तक 2,037.54 करोड़ रुपये का बकाया। पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर पिछले साल 31 मार्च तक 1,395.90 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। वहीं, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का 381.45 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।