दिल्ली: एफएसएल रोहिणी ने माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए प्रौद्योगिकी की मदद से पशुवध के 22 मामलों को सुलझाया

By भाषा | Updated: December 19, 2021 19:06 IST2021-12-19T19:06:59+5:302021-12-19T19:06:59+5:30

Delhi: FSL Rohini solves 22 cases of cattle slaughter with the help of mitochondrial DNA technology | दिल्ली: एफएसएल रोहिणी ने माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए प्रौद्योगिकी की मदद से पशुवध के 22 मामलों को सुलझाया

दिल्ली: एफएसएल रोहिणी ने माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए प्रौद्योगिकी की मदद से पशुवध के 22 मामलों को सुलझाया

(अंजलि पिल्लै)

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर दिल्ली में रोहिणी स्थित फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) ने अगस्त से अब तक 'माइटोकॉन्ड्रियल (सूत्रकणिका) डीएनए प्रौद्योगिकी' का इस्तेमाल कर पशुवध के 22 मामलों को सुलझाने में दिल्ली पुलिस की मदद की है।

अधिकारियों का दावा है कि यह उत्तर भारत की पहली ऐसी प्रयोगशाला है जो पशु की पहचान और उसके लिंग का पता लगाने की तकनीक से लैस है।

एफएसएल के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी नरेश कुमार ने कहा कि इस साल अगस्त में इस प्रौद्योगिकी का उपयोग कर वन्यजीवों से संबंधित अपराधों की जांच शुरू की गई थी और इसके बाद से दिल्ली पुलिस ने उनसे गाय या भैंस के वध के 35 संदिग्ध मामलों को लेकर संपर्क किया है।

उन्होंने कहा, ''अब तक हमने 22 मामलों को सुलझा लिया है और अब हम बाकी मामलों पर भी काम कर रहे हैं। हमारे विश्लेषण के अनुसार, इनमें से अधिकतर मामले गोहत्या से संबंधित हैं।''

वन्यजीवों से संबंधित अपराधों की जांच की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए रोहिणी स्थित एफएसएल ने एक स्वचालित डीएनए निष्कर्षण उपकरण और माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए प्रौद्योगिकी पर आधारित एक उपकरण तैनात किया है। माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए प्रौद्योगिकी की मदद से पशु की पहचान और उसके लिंग के बारे में पुष्टि की जाती है।

एफएसएल की निदेशक दीपा वर्मा ने कहा कि यह पहली बार है कि उत्तर भारत में माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल पशुओं के नमूनों के लिंग विश्लेषण और निर्धारण के लिए किया जा रहा है।

वर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''हमने शुरुआत गाय और भैंस से की थी लेकिन धीरे-धीरे हमने मुर्गे के मांस की भी पहचान शुरू कर दी है।''

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस सुविधा से उन्हें पशुओं के अवैध वध के मामलों को तेजी से सुलझाने में मदद मिलेगी क्योंकि शहर के बाहर नमूने भेजने पर उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि हाल में उत्तरी दिल्ली जिले में एक व्यक्ति को गोहत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया था लेकिन नमूने हैदराबाद स्थित फॉरेंसिक प्रयोगशाला में भेजे जाने के चलते अब तक रिपोर्ट का इंतजार है।

उन्होंने कहा कि कुछ जानवरों का वध लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, इसलिए पुलिस को ऐसे मामलों में किसी भी तनाव से बचने के लिए त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता होती है।

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