नई दिल्ली:जीएसटी (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक में आज (27 अगस्त) राज्यों को मुआवजा देने की बात पर चर्चा हुई थी। इस मामले पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, आज की मीटिंग में दो सवाल उठे पहला कि GST के तहत 5 साल तक मुआवजा देना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है या नहीं और दूसरा मुआवजे के लिए लोन केंद्र सरकार या राज्य सरकार में से कौन लेगा।
GST काउंसिल की मीटिंग में हुई चर्चाओं पर दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, केंद्र सरकार का कहना है कि कानून में कोरोना की महामारी के चलते मुआवजे की बात नहीं थी।
मनीष सिसोदिया ने कहा, केंद्र सरकार ने जीएसटी (GST) लाने के समय राज्यों को भरोसा दिलाया था कि रेवेन्यु बढ़ेगा फिर भी आपको डर है तो केंद्र सरकार 14 प्रतिशत की ग्रोथ से हर साल मुआवजा देगी। अब जब सारी राज्य सरकारें रेवेन्यु की कमी से जूझ रही हैं केंद्र सरकार GST मुआवजा नहीं दे रही है।
जीएसटी (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक में जानें क्या-क्या चर्चा हुई?
जीएसटी (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक में राज्यों को मुआवजा देने पर चर्चा की गई। वित्त सचिव ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जीएसटी कलेक्शन में भारी गिरावट आई है। जीएसटी कंपेनसेशन कानून के मुताबिक देखा जाए तो राज्यों को मुआवजा दिए जाने की आवश्यकता है।
वित्त सचिव ने कहा, वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र ने राज्यों को जीएसटी कंपेनसेशन के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये दिए। इसमें मार्च में दिए गए 13806 करोड़ भी शामिल है। वित्त वर्ष 2019-20 में सेस कलेक्शन 95444 करोड़ रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पांच घंटे चली जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति के दो वकिल्पों पर चर्चा की गयी। राज्यों को मुआवजा राशि की भरपाई के लिए दो ऑप्शन दिए गए हैं। पहला- केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा दे। दूसरा- आरबीआई से उधार लिया जाय। राज्य 7 दिनों के भीतर अपनी राय देंगे। बैठक में यह भी कहा गया कि चालू वित्त वर्ष (2020-21) जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी की आशंका है।