Delhi Chunav Parinam 2025: बंपर जीत और बहुमत?, बीजेपी 50, आप 19 और कांग्रेस 1 सीट पर आगे?, शुरुआती रुझानों में 27 साल बाद भाजपा की वापसी!
By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 8, 2025 09:28 IST2025-02-08T09:21:17+5:302025-02-08T09:28:56+5:30
Delhi Chunav Parinam 2025 Live: पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शुरुआती रुझानों में जंगपुरा में पीछे बताए जा रहे हैं।

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Delhi Chunav Parinam 2025 Live: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतगणना के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 47, आम आदमी पार्टी (आप) 22 और कांग्रेस एक सीट पर आगे है। टेलीविजन चैनलों पर आ रहे ताजा रुझानों के अनुसार, नयी दिल्ली सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पीछे हैं, उनका मुकाबला भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। कालकाजी सीट पर मुख्यमंत्री आतिशी भाजपा के रमेश बिधूड़ी से पीछे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शुरुआती रुझानों में जंगपुरा में पीछे बताए जा रहे हैं।
#DelhiElectionResults | As per the initial trends, BJP leads in 15 seats and AAP in 4 pic.twitter.com/na8b4kYzT2
— ANI (@ANI) February 8, 2025
करावल नगर से भाजपा के उम्मीदवार कपिल मिश्रा आगे हैं, जबकि ग्रेटर कैलाश सीट पर ‘आप’ के सौरभ भारद्वाज बढ़त बनाए हुए हैं। दिल्ली में पांच फरवरी को हुए चुनाव में 1.55 करोड़ पात्र मतदाताओं में से 60.54 प्रतिशत ने मतदान किया था। दिल्ली विधानसभा की 70 सीट के लिए हुए चुनाव की मतगणना शनिवार को 19 स्थानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच प्रारंभ हो गई।
दिल्ली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एलिस वाज ने बताया कि मतगणना के लिए पर्यवेक्षकों और सहायकों, ‘माइक्रो-ऑब्जर्वर’ और प्रशिक्षित सहायक कर्मियों समेत पांच हजार कर्मचारियों को तैनात किया गया है। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती हुई और उसके 30 मिनट बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में दर्ज मतों की गणना शुरू हुई।
अधिक पारदर्शिता के लिए 2019 से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में किन्हीं भी पांच मतदान केंद्रों पर वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों का मिलान ईवीएम में दर्ज मतों से किया जाता है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीट पर पांच फरवरी को हुए मतदान में 1.55 करोड़ पात्र मतदाताओं में से 60.54 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
प्रत्येक केंद्र पर अर्धसैनिक बलों की दो कंपनियों समेत 10,000 पुलिसकर्मियों को तैनात कर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। नतीजों से पता चलेगा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का राजनीतिक दबदबा बरकरार रहता है या भाजपा 1998 के बाद पहली बार सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहती है।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ ने 2015 से दिल्ली की राजनीति में अपना दबदबा बनाए रखा है, उस साल हुए विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 सीट जीतकर भाजपा और कांग्रेस दोनों को हराया था। इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनावों में आप ने 62 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की।
अगर ‘आप’ इस बार चुनाव जीतती है तो दिल्ली में केजरीवाल का दबदबा फिर से स्थापित होगा और राष्ट्रीय स्तर पर उनका राजनीतिक कद भी बढ़ेगा। हालांकि, अगर भाजपा जीतती है तो वह न केवल 27 साल से अधिक समय के बाद राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता में वापसी करेगी।
बल्कि ‘आप’ और केजरीवाल के हाथ से दिल्ली की बागडोर भी छीन लेगी। दिल्ली की सत्ता पर 1998 से 2013 तक राज करने वाली कांग्रेस पिछले दो चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई और इस चुनावों में वह भी वापसी की कोशिश कर रही है।