देश आज बाल दिवस मना रहा है लेकिन कुछ बच्चे राजधानी दिल्ली के चौराहों प्रदूषण की मार झेलने के मजबूर हैं। दिल्ली के ट्रैफिक सिग्नलों पर बच्चों के द्वारा सामान बेचा जाना जारी है। खराब वायु गुणवत्ता के बावजूद बच्चे यहां काम कर रहे हैं। कुछ बच्चों ने अपनी समस्याएं मीडिया से साझा कीं। बच्चों ने कहा, ''हमारी आंखें जलती हैं और हम सांस लेने में दिक्कत अनुभव कर रहे हैं, हमारे पास मास्क नहीं हैं।''
इनमें से कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जिनकी उम्र किसी तरह के व्यवसाय में लगने की नहीं हुई है। सरकार भी बाल मजदूरी को गैर-कानूनी मानती है लेकिन हाथ में कॉपी-कलम थामने के बजाय ये बच्चे ट्रैफिक लाइट पर सामान बेचने को मजबूर हैं।
प्रदूषण का हाल यह है कि दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में दो दिन की छुट्टी की गई है। स्कूल बंद होने और बाहर दम घोंटू हवा के कारण बच्चों को घरों में कैद रहना पड़ रहा है। कुछ बच्चों ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पत्र लिखकर आग्रह किया है कि प्रदूषण को खत्म करने के उपाय सरकार करे।
मौसम विभाग की मानें तो शुक्रवार को दिल्ली में तेज हवाएं चलेंगी, इससे प्रदूषण कुछ खबरें कमी आएगी। वहीं, ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में हवा को जहरीला करने वाले ईंधन पर चलने वाले उद्योगों, हॉट मिक्स प्लांट और पत्थर तोड़ने वाली मशीनों पर बैन की समयसीमा 15 नवंबर तक बढ़ा दी है।