बुराड़ी मिस्ट्री: 11 नहीं 12 सदस्य कमरे में थे मौजूद, 12वीं लड़की की तलाश में जुटी पुलिस
By धीरज पाल | Published: July 8, 2018 12:52 PM2018-07-08T12:52:12+5:302018-07-08T12:52:12+5:30
बुराड़ी मौत को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। खुलासे के मुताबिक मौत वाले दिन उस कमरे में 11 नहीं बल्कि 12 लोग मौजूद थे।
नई दिल्ली, 8 जुलाई: बुराड़ी मौत को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। खुलासे के मुताबिक मौत वाले दिन उस कमरे में 11 नहीं बल्कि 12 लोग मौजूद थे, लेकिन इन 12 लोगों में से 11 ही लोगों की मौत का मामला सामने आया था। बताया जा रहा है कि जो 12 वां सदस्य था वो एक लड़की थी। हालांकि वो लड़की कौन थी अभी तक पता नहीं चल पाया है। 12वीं सदस्य की तलाश में पुलिस जुट गई है। बताया जा रहा है कि इस मिस्ट्री गर्ल का नाम उस बरामद रजिस्टर में दर्ज है। बता दें कि मौत के बाद घर से एक रजिस्टर पाया गया है।
रिश्तेदार थी मिस्ट्री गर्ल!
मालूम हो कि मौत के बाद बरामद की गई रजिस्टर के मुताबिक बताया गया है कि मिस्ट्री गर्ल कोई और नहीं बल्कि ललित की पत्नी टीना की रिश्तेदार है। लड़की आर्थिक तंगी से परेशान थी और ललित ने आर्थिक तंगी से मुक्त होने के लिए सलाह दी थी कि वो साथ में इस तपस्या में शामिल हो जाए। हालांकि पुलिस जांच में जुटी हुई है।
बुराड़ी कांड: पुलिस को मिला नया रजिस्टर, मरने के बाद जिंदा हो जाने की मिली थी सांत्वना
इससे पहले बुराड़ी कांड में एक नया खुलासा हुआ था। पुलिस को हाल ही में एक रजिस्टर मिला है। इस रजिस्टर में लिखा है कि अगर 11 लोगों को मोक्ष नहीं मिलता है तो सभी की आत्माएं वापस लौट आएंगी। 11 लोगों की मौत के रहस्य से जल्द से जल्द पर्दा उठाने के लिए क्राईम ब्रांच और पुलिस इस केस की मुस्तैदी से जांच कर रही है। आर्थिक तंगी से परेशान था। ललित ने उस लड़की को साथ में बड़ तपस्या करने की सलाह दी थी।
वहीं अब खबर ये भी है कि, हत्या-आत्महत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए क्राइम ब्रांच अब साइकोलॉजिकल अटॉप्सी का सहारा ले सकती है। इस तकनीक की मदद से क्राइम ब्रांच ललित के दिमाग को समझने की कोशिश करेगी। साइकोलॉजिकल अटॉप्सी विधि के जरिए आत्महत्या करने वाले शख्स से जुड़ी हर बात का अध्ययन किया जएगा और उसकी पर्सनालिटी को समझने की कोशिश की जाएगी।
बुराड़ी कांड: इस तकनीक के जरिए ललित के दिमाग से सच उगलवाएगी दिल्ली क्राइम ब्रांच
इस तकनीक के जरिए पुलिस को ये समझने में मदद मिलेगी कि, सुसाइड से पहले या आस-पास व्यक्ति का व्यवहार कैसा था। उसके दिेमाग में क्या चल रहा था। परिवार के सदस्यों के साथ और दूसरे के साथ व्यवहार कैसा था। वहीं विशेषज्ञों की माने तो साइकोलॉजिकल अटॉप्सी आत्महत्या के मामलों में काफी मददगार साबित होती है।
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