दिल्ली विधान सभा चुनाव में इस समय लोग मतदान कर रहे हैं। लोग घर से निकलकर अपने-अपने उम्मीदवार को जीताने के लिए मतदान कर रहे हैं। दिल्ली में राजनीतिक पारा लगातार चढ़ रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर भी राजनीतिक वार जारी है। इसके अलावा, चुनाव के वोटिंग वाले दिन भी हनुमान पर घमासान जारी है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के मंदिर जाने के मामले पर मनोज तिवारी ने कहा कि वो (अरविंद केजरीवाल) पूजा करने गए थे या हनुमान जी को अशुद्ध करने गए थे? एक हाथ से जूता उतारके, उसी हाथ से माला लेकर... क्या कर दिया? जब नकली भक्त आते हैं ना तो यही होता है। मैंने पंडित जी को बताया, बहुत बार हमुमान जी को धोए हैं।
तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हनुमान जी को अशुद्ध करने का आरोप लगाया है। उन्होंने केजरीवाल को नकली भक्त भी कह डाला। मनोज तिवारी का कहना है कि केजरीवाल जब हनुमान जी की पूजा करने गए थे तो उन्होंने जिस हाथ से जूता उतारा था उसी हाथ से माला पकड़ ली थी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने उनके हनुमान चालीसा और मंदिर जाने पर बीजेपी द्वारा मजाक बनाए जाने पर ट्वीट कर भगवा दल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले लगातार मेरा मजाक उड़ा रहे हैं और कह रहे हैं कि मेरे मंदिर जाने से वह अशुद्ध हो गया। बता दें कि दिल्ली बीजेपी चीफ मनोज तिवारी ने कहा था कि केजरीवाल पूजा करने गए थे या मंदिर को अशुद्ध करने गए थे।
केजरीवाल ने ट्वीटर कर कहा, 'जब से मैंने एक टीवी चैनल पर हनुमान चालीसा पढ़ा है, बीजेपी वाले लगातार मेरा मजाक उड़ा रहे हैं। कल मैं हनुमान मंदिर गया। आज बीजेपी नेता कह रहे हैं कि मेरे जाने से मंदिर अशुद्ध हो गया। ये कैसी राजनीति है? भगवान तो सभी के हैं। भगवान सभी को आशीर्वाद दें, बीजेपी वालों को भी। सबका भला हो।'
वहीं, तिवारी के कमेंट पर आप नेता संजय सिंह ने हमला बोला उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम को इतनी अछूत भावना से देखती है बीजेपी? इससे गिरा हुआ और घटिया बयान हो नहीं सकता। अभी भी आप उस युग में हैं जहां दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता था। श्री राम भी अब बीजेपी को नहीं बचा सकते।
तिवारी के जूते उतारने वाले हाथ से ही माला लेकर मंदिर में जाने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि सवाल ही नहीं उठता है। वे लोग झूठ बोल रहे हैं। केजरीवाल ने एक चैनल से बातचीत में कहा, 'मुझे जूते उतारने के लिए हाथ नहीं लगाना पड़ता है। मेरे जूते वैसे नहीं है, जिसे उतारने के लिए हाथ लगाने पड़े।'