दिल्ली वायु प्रदूषण: एक्यूआई अब भी ‘गंभीर’ स्तर पर, नवंबर 2017 के बाद सबसे ज्यादा, सांस लेना हुआ मुश्किल
By भाषा | Published: November 3, 2019 02:02 PM2019-11-03T14:02:03+5:302019-11-03T14:02:03+5:30
नासा के सेटेलाइट की तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के कई हिस्सों तथा पश्चिम बंगाल में कोहरा नजर आया।
कुछ स्थानों पर वायु गुणवत्ता के ‘अति गंभीर’ श्रेणी के पास पहुंचने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में रविवार सुबह फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। शनिवार को हवा की रफ्तार बढ़ने तथा हल्की बारिश होने से प्रदूषण स्तर कम हुआ था और शाम को वायु गुणवत्ता सूचकांक 399 पर आया था।
मौसमविज्ञानियों के अनुसार, रात में हालांकि हवा थम जाने के कारण प्रदूषक एकत्र हो गये और रविवार ग्यारह बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 483 दर्ज किया गया। शुक्रवार को दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 484 था। उसके बाद प्रशासन ने विद्यालय बंद करवा दिये थे, निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी थी और ‘‘जनस्वास्थ्य आपात स्थिति’’ की घोषणा की थी।
शुक्रवार का अधिकतम एक्यूआई नौ नवंबर, 2017 के बाद सबसे ज्यादा था जब यह 486 पर पहुंचा। पूसा, बवाना, आनंद विहार, अशोक विहार, मुंडका, पंजाबी बाग और आईटीओ पर एक्यूआई 490 और 500 के बीच था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक्यूआई नोएडा में 487, गाजियाबाद में 483, ग्रेटर नोएडा में 470 और गुड़गांव में 457 था।
एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है। नासा के सेटेलाइट की तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के कई हिस्सों तथा पश्चिम बंगाल में कोहरा नजर आया।
दिल्ली को ऐसे मौसम से राहत की आस है क्योंकि मौसमविज्ञानी ने कहा है कि रविवार शाम से मंगलवार तक इस क्षेत्र में 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। मौसम कार्यालय ने कहा कि चक्रवात ‘महा’ और ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सात और आठ नवंबर को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में छिटपुट स्थानों पर बारिश होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, हालांकि हल्की बारिश होगी लेकिन यह पराली जलाने के प्रभाव को कम करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण होगी और प्रदूषकों को भी दूर करेगी। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने ‘जन स्वास्थ्य आपात स्थिति’ की घोषणा की थी जिसके बाद दिल्ली सरकार ने सभी विद्यालय बंद करने का निर्णय लिया था। ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में पांच नवंबर तक सभी निर्माण गतिविधियों पर भी पाबंदी लगा दी है।