दिल्ली की दमघोंटू हवा ने बच्चों और बुजुर्गों की बढ़ाई मुसीबत, AIIMS में बढ़े सांस के रोगी

By भाषा | Published: November 2, 2019 06:47 PM2019-11-02T18:47:49+5:302019-11-02T18:47:49+5:30

एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को पीटीआई भाषा को बताया कि हर साल की तरह इस साल भी दीवाली के बाद वायु प्रदूषण के कारण श्वसन और हृदय रोग विभाग की ओपीडी (वाह्य रोगी विभाग) एवं आपातकालीन सेवा में मरीजों की संख्या पिछले पांच दिनों में 20 प्रतिशत तक बढ़ गयी है।

Delhi Air Pollution increases problems of children and the elderly, respiratory problems increased in AIIMS | दिल्ली की दमघोंटू हवा ने बच्चों और बुजुर्गों की बढ़ाई मुसीबत, AIIMS में बढ़े सांस के रोगी

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlights दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में तेजी से आई गिरावट से राष्ट्रीय राजधानी में न केवल मरीजों की मुसीबत बढ़ी है बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के लिये भी खतरे में इजाफा हुआ है।दमघोंटू हवा का सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ा है और दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में सांस और दिल के मरीजों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है।

दिवाली के बाद पिछले पांच दिनों में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में तेजी से आई गिरावट से राष्ट्रीय राजधानी में न केवल मरीजों की मुसीबत बढ़ी है बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के लिये भी खतरे में इजाफा हुआ है। दमघोंटू हवा का सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ा है और दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में सांस और दिल के मरीजों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है।

एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को पीटीआई भाषा को बताया कि हर साल की तरह इस साल भी दीवाली के बाद वायु प्रदूषण के कारण श्वसन और हृदय रोग विभाग की ओपीडी (वाह्य रोगी विभाग) एवं आपातकालीन सेवा में मरीजों की संख्या पिछले पांच दिनों में 20 प्रतिशत तक बढ़ गयी है।

उन्होंने बताया, ‘‘पिछले चार पांच सालों में दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट गहराने के बाद एम्स प्रशासन इस बात को लगातार महसूस कर रहा है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) जब जब खतरनाक स्तर पर पहुंचता है, उसके चार पांच दिनों के भीतर अस्थमा, सांस और दिल के मरीजों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो जाती है।’’

डा. गुलेरिया ने बताया इस साल 27 अक्टूबर के बाद एक्यूआई में उछाल के साथ ही पिछले पांच दिनों में इन विभागों की ओपीडी और आपातकालीन सेवाओं में प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या में कुछ दिन 25 प्रतिशत तक इजाफा हुआ। अस्थमा के अलावा सांस संबंधी अन्य रोगों के पीड़ितों को वेंटिलेटर और नेबुलाइजर का सहारा देना पड़ रहा है।

उन्होंने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, एम्स और कुछ विदेशी संस्थाओं की मदद से किये गये अध्ययनों के हवाले से बताया कि हवा में घुले दूषित पार्टिकुलेट (अति सूक्ष्म कण) सीधे तौर पर मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। इनकी वजह से खतरनाक स्तर पर पहुंचे वायु प्रदूषण की चपेट में रहने वाले स्वस्थ्य लोगों के लिये भी सांस और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

वायु प्रदूषण के कारण सेहत के लिहाज से घोषित की गयी आपात स्थिति में बचाव के उपाय के बारे में गुलेरिया ने बच्चों को खुले में खेलने, बुजुर्गों को चहलकदमी से बचने और यहां तक कि खिलाड़ियों को मैदान में खेलने से बचने की हिदायद दी है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को दिल्ली में टी20 क्रिकेट श्रृंखला के तहत भारत और बांग्लादेश के बीच मैच है। मास्क या एयर प्यूरीफायर को इस समस्या से बचाव का बेहतर विकल्प मानने से इंकार करते हुये डा. गुलेरिया ने कहा, ‘‘ समस्या के ये कोई स्थायी और कारगर समाधान नहीं है। हकीकत यह है कि एन95 मास्क संक्रमण से बचाता है, वायु प्रदूषण से नहीं।’’

उन्होंने कहा कि वैसे भी दूषित हवा से बचने के लिये इस मास्क का इस्तेमाल लाभप्रद नहीं है क्योंकि इसमें हवा के प्रवेश का कोई विकल्प नहीं होने के कारण इसे आधा घंटे से ज्यादा लगाने पर सांस की कमी के कारण घुटन महसूस होने लगती है।

Web Title: Delhi Air Pollution increases problems of children and the elderly, respiratory problems increased in AIIMS

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