शिवसेना ने कहा, अध्यादेश लाने में देरी से मिले संकेत, BJP राम मंदिर बनाने की इच्छुक नहीं

By भाषा | Published: November 18, 2018 04:36 PM2018-11-18T16:36:38+5:302018-11-18T16:36:38+5:30

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर राजग सरकार ‘‘तीन तलाक’’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश ला सकती है, तो फिर देश के लिए ‘‘गौरव का विषय’’ राम मंदिर के निर्माण की बाधाओं को हटाने के लिए यह रास्ता क्यों नहीं अपनाती।

Delay in bringing ordinance for Ram temple construction indicates BJP not interested says shiv Sena | शिवसेना ने कहा, अध्यादेश लाने में देरी से मिले संकेत, BJP राम मंदिर बनाने की इच्छुक नहीं

शिवसेना ने कहा, अध्यादेश लाने में देरी से मिले संकेत, BJP राम मंदिर बनाने की इच्छुक नहीं

राजग के सहयोगी दल शिवसेना ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक अध्यादेश लाने में देरी से यह संकेत मिलता है कि केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा इसे लेकर इच्छुक नहीं है। दरअसल, शिवसेना राम मंदिर के निर्माण के लिए एक अध्यादेश लाने पर जोर दे रही है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर राजग सरकार ‘‘तीन तलाक’’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश ला सकती है, तो फिर देश के लिए ‘‘गौरव का विषय’’ राम मंदिर के निर्माण की बाधाओं को हटाने के लिए यह रास्ता क्यों नहीं अपनाती।

उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा को सत्ता में आने में मदद करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाने में विफल रहने को लेकर राजग सरकार को हटा देना चाहिए।

राउत का बयान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अयोध्या की 25 नवंबर की प्रस्तावित यात्रा के मद्देनजर आया है। उनकी इस यात्रा के दौरान पार्टी इस मुद्दे पर अपने अगले कदम का खुलासा कर सकती है।

राउत ने कहा, ‘‘हमने चुनावों के लिए कभी राम मंदिर के मुद्दे का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन जो लोग ऐसा करना चाहते हैं उनके बारे में हमें लगता है कि वे राम मंदिर नहीं चाहते हैं। अगर आप राम मंदिर बनाना चाहते हैं तो फिर कानून लाइए।’’ 

शिवसेना के मुखपत्र ‘दैनिक सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने दावा किया कि 1990 के दशक में जब भाजपा पहली बार सत्ता में आई तो उसने राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून ना होने के पीछे संसद में पर्याप्त बहुमत नहीं होने और उत्तर प्रदेश में भी अपनी सरकार नहीं होने का हवाला दिया था।

उन्होंने कहा आज भाजपा के पास केंद्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी पर्याप्त बहुमत है लेकिन वह लंबित मुद्दों को हल करने में ‘‘नाकाम’’ है। इस मुद्दे के अदालत से सुलझने की संभावना नहीं है और मंदिर बनाने का एकमात्र समाधान अध्यादेश है। 

राम मंदिर के निर्माण के मुखर समर्थक शिवसेना के नेता ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए समयसीमा 2019 होनी चाहिए। किसी भी राजनीतिक दल और चुनाव के लिए ना तो राम मंदिर और ना ही बाबरी मस्जिद एजेंडा होना चाहिए। हमें कोई श्रेय नहीं चाहिए। आप ही श्रेय लीजिए लेकिन राम मंदिर बना दीजिए।’’ 

राउत ने कहा, ‘‘अगर हम पिछले 25 साल में मंदिर के लिए एक भी ईंट नहीं रख सके, तो हम कौन-सा मंदिर बनाने जा रहे हैं।’’ राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस, बजरंग दल, शिवसेना को एक साथ बैठना चाहिए और इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

Web Title: Delay in bringing ordinance for Ram temple construction indicates BJP not interested says shiv Sena

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