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राजनाथ सिंह ने कहा, हादसे का शिकार हुआ वायुसेना का विमान एएन32 उड़ान भरने में पूरी तरह से सक्षम था

By भाषा | Updated: July 1, 2019 20:51 IST

वायुसेना के विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाओं में इजाफे से जुड़े एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में सिंह ने कहा कि उड़ान संबंधी मानकों की निरंतर समीक्षा की जाती है। इनका सख्ती से पालन सुनिश्चित किये जाने के कारण विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की दर 1999 में प्रति 10 हजार घंटा उड़ान पर 1.04 दुर्घटना के स्तर पर थी। अब यह घट कर 0.33 पर आ गयी है।

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ठळक मुद्देसिंह ने कहा कि एएन 32 विमानों को लगातार उन्नत भी किया जा रहा है। अब तक 52 विमानों को उन्नत किया जा चुका है।शहीदों की पत्नियों के कौशल विकास से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा 6900 शहीदों की विधवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश में हादसे का शिकार हुआ वायुसेना का विमान एएन32 उड़ान भरने में पूरी तरह से सक्षम था और उसका दुर्घटनाग्रस्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि वायुसेना के लापता हुये एएन32 विमान का मलबा गत 11 जून को अरुणाचल प्रदेश के लीपो ग्राम से 16 किमी उत्तर में बरामद हुआ। दुर्घटनाग्रस्त विमान में सवार सभी 13 कर्मियों की मौत हो गयी।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक विमान हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी से जांच करायी जाती है, इस हादसे की भी जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि उड़ान भरने संबंधी वायुसेना के मानकों के मुताबिक एएन 32 विमानों का पूरा बेड़ा उड़ान भरने में सक्षम हैं।

दुर्घटनाग्रस्त विमान भी उड़ान भरने में पूरी तरह से सक्षम था। इसमें कोई तकनीकी दिक्कत नहीं होने के बावजूद इसका दुर्घटनाग्रस्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हादसे का शिकार हुआ एएन 32 विमान उड़ान भरने में सक्षम नहीं था, यह कहना सही नहीं है।

वायुसेना के विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाओं में इजाफे से जुड़े एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में सिंह ने कहा कि उड़ान संबंधी मानकों की निरंतर समीक्षा की जाती है। इनका सख्ती से पालन सुनिश्चित किये जाने के कारण विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की दर 1999 में प्रति 10 हजार घंटा उड़ान पर 1.04 दुर्घटना के स्तर पर थी। अब यह घट कर 0.33 पर आ गयी है।

इसका स्तर 2004 में घटकर 0.52 रह गया था। सिंह ने कहा कि एएन 32 विमानों को लगातार उन्नत भी किया जा रहा है। अब तक 52 विमानों को उन्नत किया जा चुका है। शहीदों की पत्नियों के कौशल विकास से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा 6900 शहीदों की विधवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

उन्होंने शहीदों की विधवाओं को समय से पेंशन नहीं मिल पाने के सवाल पर बताया कि यह राशि राज्य सरकारों के माध्यम से किया जाता है, अगर पेंशन देने में विलंब हो रहा है तो मंत्रालय इस पर संज्ञान ले कर इस पर कार्रवाई करेगा। 

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