Defence Expo: उत्तर प्रदेश में रक्षा उत्पादन का हब बनने की हर काबिलियत मौजूद, 200 से ज्यादा MOU साइन

By भाषा | Published: February 9, 2020 01:16 PM2020-02-09T13:16:21+5:302020-02-09T13:16:21+5:30

लखनऊ डिफेंस एक्सपो डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन ऑफ डिफेंस थीम पर आयोजित किया गया। लखनऊ में पहली बार आयोजित हुआ यह एक्सपोर्ट अपने आयुध साजो सामान की प्रदर्शनी लगाने वालों की संख्या, आयोजन स्थल क्षेत्र और राजस्व प्राप्त के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी रही।

Defense Expo: Uttar Pradesh has every capability to become a hub of defense production, more than 200 MOUs signed | Defence Expo: उत्तर प्रदेश में रक्षा उत्पादन का हब बनने की हर काबिलियत मौजूद, 200 से ज्यादा MOU साइन

भविष्य में डिफेंस एक्सपो के अन्य आयोजकों के लिए इस आंकड़े को छूना बहुत बड़ी चुनौती होगी।

Highlightsलखनऊ में पहली बार आयोजित अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो कई मायनों में औरों के लिए एक बड़ी लकीर खींच गया।इस बार देश में पहली बार किसी एक्सपो में 200 से ज्यादा एमओयू और अन्य समझौते हुए।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहली बार आयोजित अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो कई मायनों में औरों के लिए एक बड़ी लकीर खींच गया। यह डिफेंस एक्सपो रक्षा क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों तथा सार्वजनिक संस्थाओं के बीच हुए समझौतों और आयोजन स्थल के दायरे के मामले में अब तक का सबसे बड़ा एक्सपो साबित हुआ है।

प्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना ने बताया कि लखनऊ डिफेंस एक्सपो कई मायनों में ऐतिहासिक कहा जा सकता है। इस बार देश में पहली बार किसी एक्सपो में 200 से ज्यादा एमओयू और अन्य समझौते हुए। भविष्य में डिफेंस एक्सपो के अन्य आयोजकों के लिए इस आंकड़े को छूना बहुत बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में चेन्नई में हुए डिफेंस एक्सपो में 40 एमओयू हुए थे।

उस लिहाज से यह एक्सपोर्ट उससे मीलों आगे निकल गया है। निश्चित रूप से लखनऊ डिफेंस एक्सपो में औरों के लिए एक लंबी लकीर खींच दी है और भविष्य में अन्य मेजबान राज्यों के सामने इससे ज्यादा भव्य आयोजन करने की बहुत बड़ी चुनौती होगी। महाना ने बताया कि वर्ष 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी तब उसके अगले साल चेन्नई में प्रस्तावित डिफेंस एक्सपो के आयोजन की इच्छा उत्तर प्रदेश सरकार ने जताई थी लेकिन उस वक्त के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह कहते हुए मना कर दिया था कि उत्तर प्रदेश के पास डिफेंस एक्सपो जैसा आयोजन कराने लायक मूलभूत ढांचा नहीं है।

उन्होंने कहा कि मात्र 3 साल के अंदर उत्तर प्रदेश में डिफेंस एक्सपो जैसा ऐतिहासिक आयोजन करा लेना एक सपने के सच होने जैसा है। इससे यह साबित हो गया है उत्तर प्रदेश में अपार क्षमता है और डिफेंस एक्सपो के सफल आयोजन के बाद दुनिया यह मानने लगी है कि उत्तर प्रदेश में रक्षा उत्पादन का हब बनने की हर काबिलियत मौजूद है।

इस बीच, प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि डिफेंस एक्सपो के दौरान यूपीडा ने रक्षा क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न कंपनियों के साथ 23 एमओयू किए हैं जिनसे लगभग 50,000 करोड़ रुपए का निवेश आएगा। उन्होंने कहा कि डिफेंस एक्सपो ने उत्तर प्रदेश के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं।

इस आयोजन ने वैश्विक स्तर पर लखनऊ को एक नई पहचान दी है और अब दुनिया की नजर में उत्तर प्रदेश रक्षा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह डिफेंस एक्सपो दुनिया के विभिन्न देशों के साथ भारत के रक्षा सहयोग को बढ़ाने और द्विपक्षीय हितों के विषयों पर चर्चा करने का एक प्लेटफार्म भी साबित हुआ।

गौरतलब है कि लखनऊ डिफेंस एक्सपो डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन ऑफ डिफेंस थीम पर आयोजित किया गया। लखनऊ में पहली बार आयोजित हुआ यह एक्सपोर्ट अपने आयुध साजो सामान की प्रदर्शनी लगाने वालों की संख्या, आयोजन स्थल क्षेत्र और राजस्व प्राप्त के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी रही।

एक्सपो में 37 देशों के रक्षा मंत्रियों ने शिरकत की। इसके अलावा 150 से अधिक विदेशी समेत एक हजार से ज्यादा आयुध निर्माता कंपनियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। इससे पहले वर्ष 2018 में चेन्नई में एक्सपो का आयोजन 80 एकड़ क्षेत्र में हुआ था। मगर लखनऊ में यह 200 एकड़ से भी ज्यादा इलाके में आयोजित हुआ है। 

Web Title: Defense Expo: Uttar Pradesh has every capability to become a hub of defense production, more than 200 MOUs signed

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