'कानूनी परिणामों' के विश्लेषण के बाद कृषि कानून संबंधी रिपोर्ट जारी करने पर फैसला किया जाएगा : घनवत

By भाषा | Updated: November 22, 2021 18:09 IST2021-11-22T18:09:22+5:302021-11-22T18:09:22+5:30

Decision will be taken on issuing report on agriculture law after analysis of 'legal consequences': Ghanwat | 'कानूनी परिणामों' के विश्लेषण के बाद कृषि कानून संबंधी रिपोर्ट जारी करने पर फैसला किया जाएगा : घनवत

'कानूनी परिणामों' के विश्लेषण के बाद कृषि कानून संबंधी रिपोर्ट जारी करने पर फैसला किया जाएगा : घनवत

नयी दिल्ली, 22 नवंबर कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के सदस्य अनिल जे घनवत ने सोमवार को कहा कि वह कानूनी परिणामों का विश्लेषण करने के बाद समिति की रिपोर्ट जारी करने के बारे में फैसला करेंगे। उन्होंने दावा किया कि दो अन्य सदस्यों ने उन्हें इस संबंध में फैसला लेने की आजादी दी है।

समिति ने तीन कृषि कानूनों का अध्ययन करने और हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद 19 मार्च को शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

तब से, रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है, जबकि घनवत ने प्रधान न्यायाधीश से एक सितंबर को एक पत्र में सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट जारी करने का अनुरोध किया था और कहा था कि इसकी "सिफारिशें किसानों के जारी आंदोलन का समाधान करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।"

‘शेतकरी संघटना’ के अध्यक्ष घनवत ने पीटीआई-भाषा से कहा कि समिति ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के निर्णय की पृष्ठभूमि में सोमवार को बैठक की।

उन्होंने कहा, "हमने विस्तार से चर्चा की कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए या नहीं। अन्य दो सदस्यों ने मुझे इस मुद्दे पर फैसला लेने की आजादी दी। मैं कानूनी परिणामों का विश्लेषण करने के बाद फैसला करूंगा।"

समिति के अन्य दो सदस्य अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री और कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष) तथा प्रमोद कुमार जोशी (कृषि अर्थशास्त्री और अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान में दक्षिण एशिया के निदेशक) हैं।

ये दोनों सदस्य टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए।

कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए घनवत ने पिछले हफ्ते कहा था कि यह निर्णय भी "आंदोलन समाप्त नहीं करा पाएगा। क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी बनाने की उनकी मांग होगी। और इस निर्णय से भाजपा को राजनीतिक रूप से भी मदद नहीं मिलेगी।"

उन्होंने कहा था, "यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। किसानों को कुछ आजादी दी गई थी, लेकिन अब उनका शोषण किया जाएगा जैसा कि आजादी के बाद से या ब्रिटिश शासन के बाद से उनका शोषण किया जाता रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Decision will be taken on issuing report on agriculture law after analysis of 'legal consequences': Ghanwat

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे