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किसानों से खरीदे गए अतिरिक्त धान को ई-नीलामी के माध्यम से बेचने का फैसला

By भाषा | Updated: February 25, 2021 21:25 IST

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रायपुर, 25 फरवरी छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से खरीदे गए अतिरिक्त धान को ई-नीलामी के माध्यम से बेचने का फैसला किया है।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज विधानसभा के मुख्य समिति कक्ष में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम में 24 लाख मीट्रिक टन चावल लिए जाने की अनुमति दी है।

उन्होंने बताया राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए 24 लाख मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता की पूर्ति के बाद 20.5 लाख मीट्रिक टन धान सरप्लस (अतिशेष) है। जिसका निराकरण समिति स्तर से नीलामी के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि नीलामी में प्राप्त अधिकतम दर का अनुमोदन धान खरीदी और कस्टम मिलिंग के लिए गठित मंत्रि-मण्डलीय उप समिति द्वारा किया जाएगा। नागरिक आपूर्ति निगम में उपलब्ध चावल की विक्रय दर मंगाने के लिए खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया है।

राज्य के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि खरीदे गए 92 लाख मिट्रिक टन धान में से लगभग 71 लाख मिट्रिक टन धान का निपटान किया जाएगा। अतिशेष धान को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा।

हालांकि उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फिर से केंद्र से केंद्रीय पूल में राज्य से अधिक चावल लेने की अपील करेगी।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) अधिनियम 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड के कोरबा में स्थापित 120 मेगावाट क्षमता की दोनों इकाईयों को बंद करने के लिए कंपनी के संचालक मंडल द्वारा लिए गए निर्णय का समर्थन किया है। वहीं विद्युत संयंत्र को बंद करने के बाद उपलब्ध रिक्त भूमि के वैकल्पिक उपयोग पर निर्णय के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत करने का फैसला किया गया है।

उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि राज्य के सरकारी विभाग छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा निर्मित आयुर्वेद दवाओं, हर्बल उत्पादों तथा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खरीदी करेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य के अनुसूचित क्षेत्र में कोदो-कुटकी और रागी को समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का निर्णय लिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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