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कोरोना के इलाज के लिए भारत में 'विराफिन' दवा के इस्तेमाल को DCGI की मंजूरी, जानें कब से होगी उपलब्ध

By हरीश गुप्ता | Updated: April 24, 2021 07:41 IST

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपातकालीन स्थिति में कोरोना के इलाज के लिए 'विराफिन' दवा का मंजूरी दे दी है। ये एंटी-वायरल दवा है। इसे गुजरात स्थित जायडस कैडिला कंपनी बनाती है।

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ठळक मुद्देजायडस कैडिला कंपनी की दवा विराफिन को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की मंजूरीजायडस कैडिला के दावे के अनुसार परीक्षण के दौरान इसके इस्तेमाल से कई लोगों में कोरोना रिपोर्ट केवल 7 दिन में निगेटिव आ गई थीमध्यम संक्रमण वाले मरीजों के लिए दवा ज्यादा कारगर, लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत भी कम पड़ी

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को एक और कामयाबी मिली जब गुजरात स्थित जायडस कैडिला कंपनी की दवा विराफिन को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की इजाजत दे दी गई है।

सिंगल डोज की यह दवा अगले माह यानी मई बाजार में उपलब्ध होगी। कोरोना के माध्यम (मॉडरेट) लक्षण वाले मरीजों के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने विराफिन को यह स्वीकृति दी है।

कोरोना की रिपोर्ट 7 दिन में निगेटिव होने का दावा

जायडस कैडिला ने दावा किया है कि मध्यम संक्रमण वाले जिन मरीजों को इस एंटी वायरल का डोज दिया गया था, उनमें से 91.15 प्रतिशत लोगों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट केवल 7 दिन में निगेटिव आ गई थी। साथ ही उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत भी तुलनात्मक रूप से कम ही पड़ी थी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक कंपनी की फिलहाल उत्पादन क्षमता प्रतिवर्ष 10 करोड़ डोज की है, जिसे 24 करोड़ प्रतिवर्ष तक बढ़ाने की पुरजोर कोशिश जारी है। 

माना जा रहा है कि विराफिन की कीमत इस वक्त बाजार में मौजूद कोरोना की वैक्सीन जितनी होगी। इसके भंडारण के लिए देश परिस्थितियां माकूल हैं। भारत के लिए विराफिन का आगमन खुशखबरी है क्योंकि देश में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा तीन लाख प्रतिदिन के पार जा चुका है।

साथ ही मरने वालों की संख्या भी प्रतिदिन 2000 के ऊपर ही है। ऐसे में मध्यम संक्रमण वाली बड़ी आबादी को इससे लाभ मिलने की उम्मीद है।

कोरोना से निपटने के लिए इनका भी है इंतजार

देश में जबकि कविशील्ड (सीरम) और कोवैक्सीन (भारत बायोटेक) के 13.5 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं, स्पूतनिक वी के पांच करोड़ डोज का भारत बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

इस रूसी टीके का उत्पादन डॉ. रेड्डीज लैब करने जा रही है। सीरम भी प्रतिमाह 6.5 करोड़ वैक्सीन उत्पादन की क्षमता को 10 करोड़ तक और भारत बायोटेक भी उत्पादन क्षमता को दोगुना करने जा रही है।

दूसरी ओर हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई (बीई) भी देश में जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन के ट्रायल्स में तेजी लाने वाली है। विकेशी वैक्सीन के लिए तय नए मापदंड के तहत कंपनी सात दिन का ब्रिजिंग ट्रायल लेने की तैयारी में है।

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