CAA Protest: दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार 15 लोग कोर्ट में पेश, 2 दिन की न्यायिक हिरासत में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 21, 2019 05:51 PM2019-12-21T17:51:57+5:302019-12-21T17:52:24+5:30
पुलिस ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया है। गिरफ्तार किये गये लोगों में एक नाबालिग है। हालांकि पुलिस का कहना है कि उसकी उम्र 23 साल है। इस बीच कोर्ट ने दरियागंज हिंसा मामले के आरोपियों को 2 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है
पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार 15 लोगों को शनिवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया।
पुलिस ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया है। गिरफ्तार किये गये लोगों में एक नाबालिग है। हालांकि पुलिस का कहना है कि उसकी उम्र 23 साल है। इस बीच कोर्ट ने दरियागंज हिंसा मामले के आरोपियों को 2 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
#Delhi: Daryaganj violence case accused have been remanded to 2 days judicial custody. https://t.co/ZPE2Anq9OB
— ANI (@ANI) December 21, 2019
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने शनिवार को फिर से विश्वविद्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। कुछ दिन पहले ही इसके परिसर और इसके आसपास पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसक प्रदर्शन हुए थे। केंद्रीय विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा शुरू किए गए प्रदर्शन में बाद में छात्र, संस्थान के पुराने विद्यार्थी और ‘‘बाहरी’’ भी शामिल हो गए।
Delhi: Accused persons who were arrested in connection with the violence during protest against #CitizenshipAmendmentAct in Daryanganj yesterday, brought to Tis Hazari Court. pic.twitter.com/OmZ7H1GZt6
— ANI (@ANI) December 21, 2019
प्रदर्शनकारियों ने ‘‘लड़ के लेंगे आजादी’’ और ‘‘इन्कलाब जिंदाबाद’’ जैसे नारे लगाए। लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए छात्राओं ने उनसे प्रदर्शन के दौरान गाली-गलौच या असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं करने के लिए कहा। नागरिकता कानून के विरोध में विश्वविद्यालय विवादों के केंद्र में है।
प्रदर्शन में हिस्सा ले रही 76 वर्षीय महिला नाफीज इकरम ने कहा, ‘‘आप सभी गलत के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। पीछे मत हटिए। पुलिस से मत डरिए। आप सही पुलिस वाले हैं जो संविधान की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।’’ बिहार से आए एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘धनी लोगों के पास पहचान का सबूत है या वे इसे कहीं से खरीद लेंगे। बिहार और उत्तरप्रदेश से आए मजदूर और श्रमिक कैसे जुटा पाएंगे।’’ पुलिस रविवार को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में ‘बाहरी’ लोगों और हिंसा एवं आगजनी में शामिल लोगों की तलाश में घुसी थी