नई दिल्ली: प्रमुख हिन्दी मीडिया संस्थान दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर, दिल्ली, नोएडा एवं इंदौर इत्यादि दफ्तरों पर गुरुवार सुबह आयकर विभाग के छापे की खबर के बाद सोशलमीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यत्र बीवी श्रीनिवास ने ट्वीट किया, "...आज से दैनिक भास्कर देशद्रोही कहलायेगा?"
दैनिक भास्कर समूह ने पिछले एक साल में कोविड महामारी से जुड़ी कई ऐसी तथ्यात्मक रपटें कीं जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनने के साथ सोशलमीडिया पर वायरल होती रहीं। इन रपटों में यूपी के गाँवों में कोरोना महामारी से होने वाली मौतें, गंगा जी की रेती में दफन शव और गंगा जी में बाढ़ में तैरती लाशें और पंचायत चुनाव की ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों की मौत से जुड़ी खबरें चर्चा में रही थीं।
दैनिक भास्कर समूह के गुजराती अखबार दिव्य भास्कर ने गुजरात की भाजपा सरकार के एक मंत्री का फोन नम्बर अपने मुख्य पृष्ठ पर छाप दिया था जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा हुई थी।
भास्कर समूह मुख्यतः मध्यप्रदेश स्थिति समाचार संस्थान है। भास्कर समूह कई भाषाओं में दैनिक समाचार पत्र और डिजिटल समाचारसाइट संचालित करता है।
समाचारसाइट दि वायर के संस्थापक सम्पादक एमके वेणु ने भास्कर पर छापे की खबर पर ट्वीट करते हुए पूछा, यह गंगा में तैरती लाशों की रपट का प्रतिदान है या पेगासस की रपट का?'
पेगासस स्पाईवेयर एक ऐसा जासूसी सॉफ्टवेयर जो किसी भी यूजर के स्मार्टफोन में मोबाइल मैसेज या व्हाटसऐप मैसेज या किसी अन्य तरीके से स्थापित कर दिया जाता है। जिस फोन में पेगासस स्पाईवेयर स्थापित हो जाए उस फोन की सारी जानकारी हैकर आसानी से हासिल कर सकते हैं। हैकर चाहें तो यूजर के स्मार्टफोन से वीडियो, फोटो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकते हैं।
पेगासस स्पाईवेयर इतना खतरनाक है कि यूजर को किसी भी तरह यह नहीं पता चलता कि कोई और उसका स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहा है या उसके स्मार्टफोन से होनी वाली सभी गतिविधियों को रिकॉर्डकर रहा है। दुनिया के कई देशों के मीडिया संस्थानों ने मिलकर पेगासस स्पाईवेयर से जुड़े सनसनीखेज खुलासे किये हैं।
दि वायर की रिपोर्ट के अनुसार भारत में पेगासस स्पाईवेयर के जरिये 40 से ज्यादा पत्रकारों और कई नेताओं के स्मार्टफोन को हैक किया गया या हैक करने का प्रयास किया गया।
भास्कर के दफ्तरों पर मारे जा रहे छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार सबा नकवी ने ट्वीट किया, 'कोरोना की भयावह दूसरी लहर के दौरान समूह ने शानदार रपट की थी। मैं बस बता रही हूँ...'
कार्टूनिस्ट मंजुल ने दैनिक भास्कर हैशटेग के साथ टिप्पणी करते हुए लिखा, "तुमने छापा तो हमने भी छापा! - मोदी सरकार की प्रेस पॉलिसी।"
कार्टूनिस्ट मंजुल हाल ही में न्यूज 18 समूह से अलग हुए हैं। मंजुल ने आरोप लगाया था कि उनके नरेंद्र मोदी सरकार के ऊपर कटाक्ष करने वाले कुछ कार्टून की वजह से उनका अनुबन्ध खत्म किया गया।
वहीं, भास्कर समूह पर पड़ रहे छापों पर अभी तक आयकर विभाग या सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।